अनुच्छेद 370ः भाजपा सांसद नामग्याल ने कहा- विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन पूरे कारगिल में नहीं 

By भाषा | Updated: August 28, 2019 15:16 IST2019-08-28T15:16:31+5:302019-08-28T15:16:31+5:30

लद्दाख के भाजपा सांसद जामयांग शेरिंग नामग्याल ने कहा, ‘‘विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन पूरे कारगिल में नहीं हो रहे। कारगिल का मतलब है करीब 15 हजार वर्ग फुट जमीन। मैं मानता हूं कि कुछ प्रदर्शन हुए हैं, लेकिन छोटे बाजारों में और पूरे कारगिल में नहीं। जिनकी सीटें चली गयी हैं या जिन्हें केवल राजनीतिक सीटों की चिंता है, वो चिल्लाएंगे। अन्यथा, मैं आपको बता सकता हूं कि कारगिल का भविष्य बाकी लद्दाख की तरह ही उज्ज्वल है।’’ 

Article 370: BJP MP Namgyal said - protests are happening, but not in the whole of Kargil | अनुच्छेद 370ः भाजपा सांसद नामग्याल ने कहा- विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन पूरे कारगिल में नहीं 

लद्दाख को करीब एक महीने के बाद केंद्रशासित क्षेत्र (यूटी) का दर्जा मिल जाएगा।

Highlightsलद्दाख में भावी परियोजनाओं को पारिस्थितिकी तंत्र के साथ तालमेल से बनाना होगा :नामग्याल।मोदी सरकार गतिशील और मजबूत है और उसने लद्दाख को केंद्रशासित क्षेत्र बनाने का बड़ा साहसिक कदम उठाया है।

लद्दाख को केंद्रशासित क्षेत्र का दर्जा मिलने के बाद वहां बुनियादी संरचना संबंधी परियोजनाओं से हिमालयी क्षेत्र की पारिस्थितिकी प्रभावित होने की आशंकाओं के बीच लद्दाख के भाजपा सांसद जामयांग शेरिंग नामग्याल ने कहा कि भविष्य की परियोजनाओं को क्षेत्र के संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र के साथ तालमेल से बनाना होगा।

लद्दाख को करीब एक महीने के बाद केंद्रशासित क्षेत्र (यूटी) का दर्जा मिल जाएगा। इस संदर्भ में भाजपा सांसद ने कहा कि क्षेत्र के लोगों को फिक्र करने की जरूरत नहीं है क्योंकि मौजूदा प्रशासनिक व्यवस्था से केंद्रशासित क्षेत्र में परिवर्तन की प्रक्रिया बहुत सुगमता से और प्रभावी तरीके से पूरी होगी।

लद्दाख को यूटी का दर्जा दिये जाने की मांग क्षेत्र की जनता लंबे समय से कर रही थी। वहीं यहां के युवा और बुजुर्ग समेत स्थानीय लोगों को आशंका है कि पर्वतीय क्षेत्र में नयी अवसंरचना परियोजनाएं और बड़ी इमारतें पारिस्थितिकी तंत्र पर असर डाल सकती हैं।

नामग्याल ने कहा, ‘‘मोदी सरकार गतिशील और मजबूत है और उसने लद्दाख को केंद्रशासित क्षेत्र बनाने का बड़ा साहसिक कदम उठाया है। लद्दाख के लोगों की चिंताएं वाजिब हैं और हम उन्हें मानते हैं। उसके साथ ही हम उनसे सुझाव मांग रहे हैं और उन्हें अपनी नीतियां बनाने में शामिल कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन लद्दाख में जो भी योजना या नीति आएगी, वह क्षेत्र के संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र के अनुकूल होनी चाहिए, अन्यथा हम उसे प्रोत्साहित नहीं करेंगे।’’ उन्होंने इस संबंध में लोगों की चिंताओं के संदर्भ में यह भी कहा, ‘‘यह हमारी सोच पर निर्भर करता है कि लद्दाख की, हमारी जनता की और भावी पीढ़ियों की सेवा कैसे करनी है।’’

नामग्याल रविवार को लेह से करीब 45 किलोमीटर दूर हेमिस बौद्ध मठ परिसर में नारोपा फेलोशिप के पहले बैच के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। उन्होंने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि लद्दाख में पहली बार फेलोशिप शुरू की गयी और लद्दाख के भविष्य के लिए तथा वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भी इस तरह के कदम जरूरी हैं।

नामग्याल जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने तथा राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने संबंधी विधेयक पर लोकसभा में चर्चा के दौरान अपने शानदार भाषण के बाद सुर्खियों में आये थे।

केंद्रशासित क्षेत्र के दर्जे को लेकर लेह जिले में लोग बड़े स्तर पर खुश हैं, लेकिन लद्दाख के मुस्लिम बहुल कारगिल जिले में बड़ी संख्या में नागरिकों द्वारा फैसले का विरोध करने की भी खबरें हैं। कारगिल में हो रहे प्रदर्शनों के संबंध में नामग्याल ने दावा किया कि छोटे बाजारों में केवल दो प्रतिशत लोग विरोध कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन पूरे कारगिल में नहीं हो रहे। कारगिल का मतलब है करीब 15 हजार वर्ग फुट जमीन। मैं मानता हूं कि कुछ प्रदर्शन हुए हैं, लेकिन छोटे बाजारों में और पूरे कारगिल में नहीं। जिनकी सीटें चली गयी हैं या जिन्हें केवल राजनीतिक सीटों की चिंता है, वो चिल्लाएंगे। अन्यथा, मैं आपको बता सकता हूं कि कारगिल का भविष्य बाकी लद्दाख की तरह ही उज्ज्वल है।’’ 

Web Title: Article 370: BJP MP Namgyal said - protests are happening, but not in the whole of Kargil

राजनीति से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे