लंदन के टॉवर ब्रिज को मात देता है दिल्ली का सिग्नेचर ब्रिज, कुतुबमीनार से है हाइट में डबल, ब्यूटी में भी है बेजोड़

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 8, 2018 04:34 PM2018-11-08T16:34:20+5:302018-11-08T16:35:11+5:30

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दिल्ली में यमुना नदी पर बना सिग्नेचर ब्रिज आम जनता के लिए खुल गया है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने रविवार को इसका उद्धाटन किया था। यह ब्रिज लोगों के लिए पर्यटन का एक नया केंद्र भी होगा। इसकी ऊंचाई कुतुब मीनार से दोगुनी है। कुतुब मीनार की ऊंचाई 73 मीटर है और सिग्नेचर ब्रिज की ऊंचाई 154 मीटर है। यह पुल स्थानीय और विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का एक केंद्र बनेगा। जो लोग इंडिया गेट और कुतुब मीनार जैसे ऐतिहासिक स्थल को देखने दिल्ली आते हैं, वे अब इस पुल को देखकर रोमांचित महसूस करेंगे। चलिए जानते हैं कि सिग्नेचर ब्रिज में पर्यटकों के लिए क्या-क्या खास होगा।

सिग्नेचर ब्रिज में चार एलीवेटर लगाए जाएंगे। एक एलीवेटर में एक बार में 50 पर्यटक ब्रिज के टॉप पर जाकर शहर का मनोरम दृश्य का आनंद ले सकेंगे। बताया जा रहा है कि एलीवेटर लगाने का काम दो महीने के भीतर पूरा हो जाएगा।

ब्रिज के टॉप पर पर्यटकों के लिए एक सेल्फी स्पॉट भी बनाया जाएगा। यहां से आपको से आपको पूरी दिल्ली का नजारा होने लगेगा। कुतुब मीनार से डबल ऊंचाई यानी 154 मीटर ऊंचे सिग्नेचर ब्रिज पॉइंट से आपको दिल्ली का 360 डिग्री वाला पैनारॉमिक व्यू मिलेगा। यह मुमकिन होगा ब्रिज के पायलॉन के टॉप पर बनाए गए स्टील और ग्लास बॉक्स से, यहीं से आप दिल्ली को देख सकेंगे।

सिग्नेचर ब्रिज में ग्लास ऑब्जर्वेशन डेक का काम अभी अंडर कंस्ट्रक्शन ही है। इसे पूरा होने में करीब 3 महीने का और वक्त लगेगा। यानी आपको 2019 की फरवरी तक का इंतजार करना होगा। आपको बता दें कि यह देश का पहला ऐसा पर्यटक स्थल होगा जिसमें ग्लास बॉक्स लगाया जाएगा। ऑब्जर्वेशन डेक की हर साइड से पूरी दिल्ली का व्यू मिलेगा, जो चारों तरफ से शीशे से ढका होगा। लोग दिल्ली के नजारे का आनंद ले सकते हैं और यहां सेल्फी ले सकते हैं। यह बॉक्स मोटे शीशे से तैयार किया जाएगा।

इस पैटर्न में जगह-जगह क्लियर ग्लास छोड़े गए हैं, जहां से लोग तस्वीरें ले सकते हैं। 500 एमएम के स्लॉट्स दिए गए हैं, ताकि नजारे देखने में विजिटर्स को सहूलियत हो। फ्लोर को हलके लेकिन मजबूत स्टील से तैयार किया गया है। डेक पर एक समय में करीब 50 लोग आ सकते हैं। पायलॉन का आकार बूमरैंग की तरह है और बीच में मुड़ा हुआ है। ऑब्जर्वेशन डेक को कवर करने लिए जो शीशा इस्तेमाल किया जा रहा है, वह 86 मील प्रति घंटे की रफ्तार की हवा को झेल सकता है। अगर इसमें कोई क्रैक आता है, यह टूटकर गिरेगा नहीं क्योंकि इसे लैमिनेट किया गया है।

दिल्ली में पहले पर्यटकों को कुतब मीनार में चढ़ने की सुविधा थी लेकिन इसे अब बंद कर दिया गया है। हालांकि जामा मस्जिद के मीनारों में चढ़ने की सुविधा अब भी है। यहां पर्यटकों से 100 से 200 रुपये का टिकट है। आप यहां से दिल्ली का नजारा देख सकते हैं। संभव है सिग्नेचर ब्रिज के टॉप पर जाने के लिए भी पर्यटकों को पैसे खर्च करने होंगे। हालांकि टिकट की अभी तक कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं हुई है लेकिन इसके लिए पैसे वसूले जा सकते हैं।