1 / 9इस साल लॉकडाउन के दौरान विवाहित महिलाओं ने वट सावित्री व्रत की पूजा पूरी की। (फोटो सोर्स- एएफपी)2 / 9हिन्दू धर्म में बरगद क पेड़ की पूजा की जाती है। इसके लिए साल में एक बार वट सावित्री व्रत रखा जाता है। (फोटो सोर्स- एएफपी)3 / 9ये व्रत स्त्रियों के लिए खास बताया जाता है। मान्यता है कि इस दिन उपवास और पूजा करने वाली महिलाओं के पति पर आयी संकट टल जाती है और उनकी आयु लंबी होती है। (फोटो सोर्स- एएफपी)4 / 9सिर्फ यही नहीं आपकी शादीशुदा जिंदगी में भी कोई परेशानी चल रही हो तो वो भी सही हो जाती है। (फोटो सोर्स- एएफपी)5 / 9वट सावित्री व्रत में सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए बरगद के पेड़ के नीचे पूजा करती हैं। (फोटो सोर्स- एएफपी)6 / 9मान्यता है कि इसी दिन सावित्री अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से भी वापिस ले आई थी। इसलिए वट सावित्री व्रत वाले दिन सावित्री और सत्यवान की कथा सुनने का विधान है। (फोटो सोर्स- एएफपी)7 / 9हिन्दू पंचाग के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा तिथि पर सावित्री व्रत रखने का विधान है। स्कंद और भविष्योत्तर पुराण में भी ये व्रत उसी दिन करने का विधान है। (फोटो सोर्स- एएफपी)8 / 9वहीं निर्णयामृत ग्रंथों के अनुसार वट सावित्री व्रत की पूजा ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की अमावस्या पर की जानी चाहिए। (फोटो सोर्स- एएफपी)9 / 9उत्तर भारत की बात करें तो यहां वट सावत्री व्रत ज्येष्ठ अमावस्या को ही किया जाता है। (फोटो सोर्स- एएफपी)