1 / 5श्री महाकालेश्वर भगवान की दूसरी सवारी कोरोना के कारण परिवर्तित मार्ग से निकाली गई। सवारी के आगे भक्त ढोल, शहनाई, डमरू, झांझ आदि वाद्य बजाते हुए शिव के गुणगान करते हुए चल रहे थे।2 / 5श्रावण माह के दूसरे सोमवार को भगवान श्री चंद्रमौलीश्वर पालकी में व श्री मनमहेश हाथी पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले। सवारी के पूर्व मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चंद्रमौलीश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन किया गया। मुख्य पुजारी पं. घनश्याम शर्मा ने पूजन संपन्न् करवाया।3 / 5श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर आशीष सिंह ने सपत्नीक पूजन किया। पूजन के पश्चात सभी गणमान्यों ने पालकी को कंधा देकर नगर भ्रमण के लिए रवाना किया। 4 / 5सवारी के क्रम में उद्घोषक वाहन, तोपची, भगवान श्री महाकाल का ध्वज, घुड़सवार, विशेष सशस्त्र बल, पुलिस बैण्ड, नगर सेना, महाकाल के पुजारी-पुरोहित, ढोलवादक, झांझवादक, चोपदार, चांदी की झाड़ूवाहक, अन्य आवश्यक व्यवस्था में लगने वाले अधिकारी-कर्मचारी सीमित संख्या में साथ में चल रहे थे।5 / 5सवारी रामघाट पर पहुंची। यहां पर भगवान महाकाल का शिप्रा जल से अभिषेक किया गया। अभिषेक पूजन पं.आशीष गुरु एवं अन्य पुजारियों ने किया। रामघाट से सवारी माता हरसिद्धि मन्दिर के सामने से होकर पुन: महाकाल पहुंची।