Ganga Dussehra 2021: जानिए क्यों खास है इस बार गंगा दशहरा और क्यों मनाया जाता हैं ?

By संदीप दाहिमा | Published: June 18, 2021 03:36 PM2021-06-18T15:36:44+5:302021-06-18T15:45:07+5:30

Next

हिंदू मान्यताओं में गंगा को सबसे पवित्र नदी कहा गया है। ऐसी मान्यता कि इसमें डुबकी लगाने वालों के पाप का नाश हो जाता है। इसलिए गंगा को पापनाशनी और मोक्षदायनी भी कहा गया है। इसी नदी से जुड़ा एक बेहद अहम त्योहार 'गंगा दशहरा' (Ganga Dussehra) है।

यह हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन मनाया जाता है। गंगा दशहरा इस बार 20 जून (रविवार) को पड़ रहा है। पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ की दशमी तिथि की शुरुआत 19 जून को शाम 6.50 बजे से ही शुरू हो जाएगा और इसका समापन 20 जून को शाम 4.25 बजे होगा।

मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान करना चाहिए। ऐसे करने से जातक के पाप मिट जाते हैं और वह मोक्ष का अधिकारी बनता है। गंगा स्नान के बाद दान की भी परंपरा है। कोरोना संकट में घर में भी गंगा जल की कुछ बूंद डाल कर स्नान कर सकते हैं।

ऐसी पौराणिक कथा है कि बेहद प्राचीन काल में गंगा नदी धरती पर मौजूद नहीं थीं। मान्यताओं के मुताबिक ऐसे में राजा भगीरथ ने अपने पूर्वजों के मोक्ष के लिए बेहद लंबी और कठिन तपस्या की। वे पितृगणों को जीवन-मरण के चक्र से मुक्त करना चाहते थे। भगवान विष्णु उनकी तपस्या से प्रसन्न हुए और माता गंगा भी धरती पर आने के लिए तैयार हो गईं।

हालांकि, मां गंगा का वेग इतना अधिक था कि वे सीधे स्वर्ग से धरती पर सीधे आतीं तो पाताल में चली जाती। ऐसे में भगीरथ ने भगवान शिव की अराधना की।

इसके बाद भगवान शिव ने धरती पर माता गंगा के उतरने से पहले उन्हें अपनी जटाओं में धारण किया। इस तरह गंगा के तेज वेग में कमी आई और वे फिर भगवान शिव की जटाओं से होते हुए धरती पर आईं। ऐसा कहते हैं कि ज्येष्ठ मास की दशमी को ही गंगा माता धरती पर आईं थी। इसके बाद से गंगा दशहरा मनाने की परंपरा शुरू हुई।