Statue of Equality: संत रामानुजाचार्य को बड़ा सम्मान, 216 फीट की ऊंचाई, 1000 करोड़ की लागत, देखें तस्वीरें

By सतीश कुमार सिंह | Published: February 5, 2022 07:59 PM2022-02-05T19:59:36+5:302022-02-05T20:06:30+5:30

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शमशाबाद में 11 वीं शताब्दी के भक्ति संत श्री रामानुजाचार्य की स्मृति में 216 फीट ऊंची प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी' का अनावरण किया।

‘‘स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी’’ का उद्घाटन, रामानुजाचार्य की वर्तमान में जारी 1000 वीं जयंती समारोह यानी 12 दिवसीय श्री रामानुज सहस्राब्दि समारोह का हिस्सा है।

कार्यक्रम के दौरान संत रामानुजाचार्य की जीवन यात्रा और शिक्षा पर थ्रीडी ‘प्रजेंटेशन मैपिंग’ का भी प्रदर्शन किया गया। यह प्रतिमा 'पंचधातु' से बनी है जिसमें सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ता का एक संयोजन है और यह दुनिया में बैठी अवस्था में सबसे ऊंची धातु की प्रतिमाओं में से एक है।

यह 54-फुट ऊंचे आधार भवन पर स्थापित है, जिसका नाम 'भद्र वेदी' है। इस परिसर में वैदिक डिजिटल पुस्तकालय और अनुसंधान केंद्र, प्राचीन भारतीय ग्रंथ, एक थिएटर, एक शैक्षिक दीर्घा हैं, जो संत रामानुजाचार्य के कई कार्यों की याद दिलाते हैं।

श्री रामानुजाचार्य ने राष्ट्रीयता, लिंग, नस्ल, जाति या पंथ की परवाह किए बिना हर इंसान की भावना के साथ लोगों के उत्थान के लिए अथक प्रयास किया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 11वीं सदी के वैष्णव संत श्री रामानुजाचार्य की स्मृति में यहां 216 फुट ऊंची 'स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी' प्रतिमा का अनावरण कर इसे राष्ट्र को समर्पित किया। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने श्रीरामनगर स्थित रामानुजाचार्य के मंदिर परिसर स्थित एक यज्ञशाला में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना की। उन्होंने परिसर में बने 108 दिव्य देशम (सजावटी रूप से नक्काशीदार मंदिर) की परिक्रमा भी की। यह दिव्य देशम ‘‘स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी’’ के चारों ओर बने हुए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं आप सभी देशवासियों और पूरे विश्व में फैले श्री रामानुजाचार्य जी के अनुयायियों को इस शुभ अवसर पर अनेक-अनेक बधाई देता हूं।

यह ज़रूरी नहीं है कि सुधार के लिए अपनी जड़ों से दूर जाना पड़े। बल्कि ज़रूरी यह है कि हम अपनी असली जड़ो से जुड़ें, अपनी वास्तविक शक्ति से परिचित हों।