'Chalo Nabanna' protest: हिंसक प्रदर्शन, पथराव, सड़क जाम और टायरों में लगाई आग, see pics

By सतीश कुमार सिंह | Published: October 8, 2020 04:55 PM2020-10-08T16:55:59+5:302020-10-08T16:55:59+5:30

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कोलकाता और निकटवर्ती हावड़ा में भाजपा कार्यकर्ताओं तथा समर्थकों और पुलिस के बीच बृहस्पतिवार को झड़प हो गई। राज्य में भगवा दल के कार्यकर्ताओं की हत्या के खिलाफ ये लोग प्रदर्शन कर रहे थे।

इस दौरान पथराव हुआ, सड़कों को जाम किया गया और टायरों में आग भी लगाई गई। अधिकारियों ने बताया कि भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) ने बृहस्पतिवार को राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ की ओर मार्च का आह्वान किया था। इस दौरान उनके द्वारा अवरोधक लांघने की कोशिश करने पर कई स्थानों पर झड़प हो गई।

पुलिस कर्मियों ने कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पानी की बौछारों, आंसू गैस का इस्तेमाल करने के साथ-साथ लाठियां भांजी। प्रदर्शन अब भी दोनों शहरों में जारी है। भाजपा कार्यकर्ताओं सहित कई वरिष्ठ नेता इस दौरान घायल हो गए। किसी पुलिस कर्मी के हताहत होने की अब भी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

प्रदर्शनकारियों के टायरों को जलाने से आसमान में घना धुआं झा गया और यातायात भी बाधित हुआ। सड़कों पर पत्थर भी बिखरे दिखे। इस दौरान लोगों ने अपनी दुकानें और अन्य संस्थान भी तुरंत बंद कर दिए। हावड़ा जिले के कुछ हिस्सों में हिंसा देखी गई, जहां भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बेंगलुरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या ने प्रदेश अध्यक्ष सौमित्र खान के साथ मिलकर हावड़ा मैदान से मार्च निकाला।

उन्हें मलिक गेट पर रोक दिया गया, जिससे भाजपा गुस्साये भाजपा समर्थकों ने पुलिस पर पथराव किया। प्रदर्शनकारियों के अवरोधक लांघने की कोशिश करने पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया है। पुलिस ने एक प्रदर्शनकारी के पास से गोलियों से लैस एक पिस्तौल बरामद करने का दावा भी किया है।

भाजपा कार्यकर्ताओं के पुलिस पर देसी बस फेंकने का भी आरोपी है। हालांकि भगवा दल ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। झड़प में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजू बनर्जी और सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो घायल हो गए, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय के नेतृत्व में कोलकाता के हेस्टिंग्स-खिदिरपुर चौराहे पर तीसरे विरोध मार्च में भी इसी तरह के दृश्य देखे गए। विजयवर्गीय ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ हम एक शांतिपूर्ण मार्च कर रहे थे, लेकिन पुलिस की कार्रवाई ने इसे एक हिंसक आंदोलन में बदल दिया।

पुलिस और तृणमूल के गुंडों ने हम पर हमला किया। यह सब ममता बनर्जी के तानाशाही रवैये के कारण हो रहा है।’’ इसी तरह के अराजक दृश्य कोलकाता के बड़ाबाजार में भी सामने आए, जहां भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष मार्च का नेतृत्व कर रहे थे।

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अरविंद मेनन हाथापाई के दौरान घायल हो गए। तनावग्रस्त इलाकों में आरएएफ और पुलिस के करीब 500 कर्मियों को तैनात किया गया है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार ने बुधवार को महामारी अधिनियम का हवाला देते हुए प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।

साथ ही कहा था कि केवल मानकों का पालन करते हुए 100 लोगों के साथ लोकतांत्रिक रैलियों की इजाजत दी जाएगी। राज्य सरकार ने ‘नबन्ना’ को रोगाणुमुक्त करने के लिए आठ एवं नौ अक्टूबर को इसे बंद किए जाने की घोषणा की थी।