पुण्यतिथि विशेष: इन तस्वीरों में देखें मिर्जा गालिब की शायरियां, एक सुकून सा आएगा

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: February 15, 2018 02:30 PM2018-02-15T14:30:10+5:302018-02-15T15:31:14+5:30

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आज ही के दिन 15 फरवरी 1869 को इस दुनिया को अलविदा कह गए।

लेकिन उनके शेरो शायरी से ऐसा लगता है वह आज भी हमारे बीच मौजूद हैं।

मिर्जा गालिब का जन्म आगरा में 27 दिसंबर 1796 को हुआ था।

उनके परिवार का तालुकात सैनिक पृष्ठभूमि से था।

उनका पुरा नाम मिर्जा असदुल्‍लाह बेग खान था, लेकिन वो अपनी शायरी गालिब के नाम से लिखा करते थे।

इसलिए बाद में वह लोगों के बीच गालिब नाम से लोकप्रिय हो गए।

ऐसा कहा जाता है की 13 साल के उम्र में ही गालिब की शादी हो गई और उनके सात बच्चे भी हुए।

लेकिन उनमें से एक भी जीवीत नहीं रहे इसी के गम में गालिब ने शायरी के तरफ रुख किया।

गालिब को बहादुर शाह जफर ने अपने दरबार में दबीर-उल-मुल्क और नज़्म-उद-दौला के खिताब से नवाज़ा था।

बाद में उन्‍हें मिर्ज़ा नोशा के खिताब भी नावाजा गया। जिसके बाद वो अपने नाम के आगे मिर्ज़ा लगाने लगे।

उन्हें दिल्ली के निजामुद्दीन बस्ती में दफनाया गया।