Corona Vaccine: कोविशील्ड के ट्रायल में शामिल शख्स का साइड इफेक्ट दावा, सीरम ने किया 100 करोड़ का मानहानि

By अनुराग आनंद | Published: November 30, 2020 07:27 AM2020-11-30T07:27:43+5:302020-11-30T07:37:25+5:30

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नई दिल्ली: कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बीच देश में कई सारे कोरोना वायरस वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। इस बीच खबर है कि चेन्नई में सीरम इंस्टिट्यूट की वैक्सीन के ट्रायल में शामिल होने वाले एक शख्स ने इस वैक्सीन पर आरोप लगाया कि उसे परीक्षण की वजह से गंभीर दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ा है। ट्रायल में शामिल होने वाले इस शख्स ने कंपनी के पर आरोप लगाते हुए 5 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति की मांग भी की है। इस आरोप का बदले सीरम की तरफ से भी उस शख्स पर सौ करोड़ का मानहानि का केस कर दिया गया।

पीटीआई के मुताबिक, कोविडशील्ड के परीक्षण में चेन्नई में भाग लेने वाले एक 40 वर्षीय व्यक्ति ने आरोप लगाया कि गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्या और ज्ञानेंद्री संबंधी समस्या समेत गंभीर दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ा है। व्यक्ति ने सीरम इंस्टीट्यूट तथा अन्य से पांच करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति की मांग की है। उसने परीक्षण पर रोक लगाने की भी मांग की है।

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने एक बयान में कहा, ‘‘नोटिस में लगाये गये आरोप दुर्भावनापूर्ण और गलत हैं। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया उक्त व्यक्ति की चिकित्सा स्थिति के प्रति सहानुभूति रखता है, लेकिन टीके के परीक्षण का उसकी स्थिति के साथ कोई संबंध नहीं है।’’

कंपनी ने कहा कि वह व्यक्ति अपने स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के लिये गलत तरीके से टीके को जिम्मेदार बता रहा है। कंपनी ने कहा कि वह ऐसे आरोपों से अपना बचाव करेगी और गलत आरोप के लिये 100 करोड़ रुपये तक की मानहानि का दावा कर सकती है।

पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर कोविड-19 टीका कोविशील्ड बनाने के लिये गठजोड़ किया है। सीरम इंस्टीट्यूट भारत में इस टीके का परीक्षण भी कर रही है।