कोरोना संकट के बीच RBI की बड़ी कार्रवाई, अब 'को-ऑपरेटिव बैंक' से ग्राहक नहीं निकाल पाएंगे पैसा
By भाषा | Published: June 12, 2020 10:34 AM2020-06-12T10:34:47+5:302020-06-12T10:41:34+5:30
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कानपुर स्थित पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक खराब वित्तीय स्थिति के चलते उस पर कार्रवाई की है.
कोरोना वायरस संकट के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कानपुर स्थित पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक पर बड़ी कार्रवाई की है। आरबीआई ने कमजोर वित्तीय स्थिति के कारण उसके ऊपर छह महीने के लिए नए लोन देने और जमा स्वीकार करने से रोक दिया है। आरबीआई गुरुवार को इसकी जानकारी दी। रिजर्व बैंक ने कहा कि इस सहकारी बैंक से किसी जमाकर्ता को राशि की निकासी करने की भी सुविधा फिलहाल नहीं मिलेगी।
आरबीआई ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘10 जून, 2020 को व्यवसाय बंद होने के बाद, बैंक रिजर्व बैंक की लिखित अनुमति के बिना कोई नया ऋणदेने या पुराने बकाये को नवीकृत नहीं कर सकेगा। इसके अलावा बैंक कोई नया निवेश नहीं कर सकेगा और न ही नया जमा स्वीकार कर सकेगा।’’ रिजर्व बैंक ने सहकारी बैंक के ऊपर किसी संपत्ति को बेचने, स्थानांतरित करने या उसका निपटान करने से रोक दिया है।
केंद्रीय बैंक ने कहा, "विशेष रूप से, सभी बचत बैंक या चालू खाते या जमाकर्ता के किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि को निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।" यह निर्देश 10 जून को कारोबार बंद होने के छह महीने बाद तक लागू रहेंगे और समीक्षा के अधीन होंगे।
हालांकि रिजर्व बैंक ने यह स्पष्ट किया कि इस निर्देश को सहकारी बैंक के बैंकिंग लाइसेंस को रद्द करने के रूप में नहीं लिया जाना चाहिये। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग व्यवसाय करना जारी रखेगा।
इससे पहले अप्रैल महीने में रिजर्व बैंक ने सहकारी बैंक ‘दि नीड्स आफ लाइफ को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड’ पर लागू प्रतिबंधों को और छह माह के लिये बढ़ा दिया। बैंक पर कोई नया कर्ज देने और पुराने कर्ज का नवीनीकरण करने से रोक लगा दी गई। बैंक को उसकी वित्तीय स्थिति में सुधार होने के साथ प्रतिबंधों के तहत ही बैंकिंग कारोबार करने की अनुमति दी गई है। रिजर्व बैंक ने बैंक से धन निकासी पर भी प्रतिबंध लगाया हुआ है।