Flashback 2019: भारतीय निशानेबाजों ने 2019 में शानदार प्रदर्शन कर ओलंपिक के लिये जगाईं उम्मीदें

By भाषा | Published: December 24, 2019 03:23 PM2019-12-24T15:23:47+5:302019-12-24T15:24:53+5:30

Year-Ender 2019: Indian Shooters: भारतीय निशानेबाजों ने दमदार प्रदर्शन करते हुए टोक्यो ओलंपिक 2020 के लिए उम्मीदें जगा दी हैं

Year-Ender 2019: Indian Shooters raises hopes for Tokyo Olympics with stunning show in 2019 | Flashback 2019: भारतीय निशानेबाजों ने 2019 में शानदार प्रदर्शन कर ओलंपिक के लिये जगाईं उम्मीदें

मनु भाकर और सौरभ चौधरी जैसे निशानेबाजों ने जगाई भविष्य के लिए उम्मीदें

Highlightsभारतीय निशानेबाजों ने 2019 में दमदार प्रदर्शन से जगाई ओलंपिक के लिए उम्मीद इस साल भारत ने राइफल - पिस्टल विश्व कप और फाइनल्स में कुल मिलाकर 21 स्वर्ण जीते

नई दिल्ली: भारतीय निशानेबाजों ने वर्ष 2019 में लगातार अच्छा प्रदर्शन करके अपना दबदबा इस तरह से बनाया कि कुछ अवसरों पर तो विश्व प्रतियोगिताएं घरेलू टूर्नामेंट जैसी लगी जिससे तोक्यो ओलंपिक में इस खेल से अधिक से अधिक पदक बटोरेने की उम्मीद बंध गयी है।

भारत के इस प्रदर्शन में युवा निशानेबाजों का अहम योगदान रहा जिन्होंने बेफिक्र होकर अपने निशाने साधे। इनमें से कुछ को परीक्षाओं की तैयारी करनी पड़ी लेकिन साथ में उन्होंने निशानेबाजी पर भी कड़ी मेहनत की।

इस साल भारत ने राइफल - पिस्टल विश्व कप और फाइनल्स में कुल मिलाकर 21 स्वर्ण, छह रजत और तीन कांस्य पदक जीते। भारत निशानेबाजी में अभी तक 15 ओलंपिक कोटा हासिल कर चुका है जो कि रिकॉर्ड है और जिससे देश की इस खेल में प्रगति का पता चलता है। इससे भारत की तोक्यो ओलंपिक में रियो की निराशा को भी समाप्त करने की उम्मीद बंध गयी है।

भारतीय निशानेबाजों ने लंदन ओलंपिक 2012 में किया था सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 

भारतीय निशानेबाजों का ओलंपिक में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन लंदन 2012 में रहा जबकि उन्होंने दो पदक जीते थे। वे तोक्यो में इसमें आसानी से सुधार कर सकते हैं। रियो के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने कुछ कड़े फैसले किये थे। इसमें ओलंपिक खेलों से पहले किसी तरह का वित्तीय करार नहीं करना भी शामिल है।

यह निशानेबाजों की ध्यान भंग होने से बचने के लिये किया गया भले ही कुछ निशानेबाजों को यह नागवार गुजरा। रियो के बाद अगर भारतीय निशानेबाजों ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया तो इसका श्रेय एनआरएआई को भी जाता है जिसने अभिनव बिंद्रा की अगुवाई वाली समिति के सुधारात्मक उपायों को गंभीरता से लिया।

एनआरएआई ने किया है देश में निशानेबाजों के लिए काम

महासंघ ने जसपाल राणा और समरेश जंग जैसे अनुभवी निशानेबाजों की मदद से जूनियर कार्यक्रम को अच्छी तरह से व्यवस्थित किया। इससे देश को मनु भाकर, सौरभ चौधरी, दिव्यांश सिंह पंवार और इलावेनिल वलारिवान जैसे निशानेबाज मिले। इन जूनियर के शानदार खेल तथा संजीव राजपूत और तेजस्विनी सावंत जैसे शीर्ष खिलाड़ियों के अच्छे प्रदर्शन से भारत इस साल सभी विश्व कप की पदक तालिका में शीर्ष पर रहा। भारत ने महिलाओं के दस मीटर में लगातार दबदबा बनाये रखा।

अपूर्वी चंदेला, अंजुम मोदगिल और इलावेनिल वर्ष के आखिर में क्रमश: पहले, दूसरे और तीसरी रैंकिंग पर रही। संजीव राजपूत ने लंबी छलांग लगायी। उन्होंने रियो विश्व कप में पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में रजत और ओलंपिक कोटा हासिल किया और 75 पायदान की छलांग लगाकर आठवें स्थान पर पहुंचे। भारत ने सितंबर में रियो विश्व कप में पांच स्वर्ण पदक जीते जबकि पुतियान चीन में विश्व कप फाइनल्स में तीन स्वर्ण पदक हासिल किये जिससे पता चलता है कि यह खेल सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।

निशानेबाजों से उम्मीद है कि वे तोक्यो में भी अपनी शानदार फार्म जारी रखेंगे लेकिन इससे पहले उन्हें अपना मनोबल बढ़ाने के लिये कुछ अन्य प्रतियोगिताओं में पदक जीतने का मौका मिलेगा। इनमें से एक अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) विश्व कप भी है जो फरवरी में नयी दिल्ली में खेला जाएगा।

भारतीय निशानेबाज जब रेंज पर अपना जलवा दिखा रहे थे तब भारत ने 2022 बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों से निशानेबाजी हटाने के राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) के फैसले का कड़ा विरोध भी किया। भारत और आईएसएसएफ के दबाव के बावजूद सीजीएफ ने अपना फैसला नहीं बदला और 2022 बर्मिंघम खेलों के दौरान भारत में राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप के आयोजन की किसी योजना से भी इंकार किया।

Web Title: Year-Ender 2019: Indian Shooters raises hopes for Tokyo Olympics with stunning show in 2019

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