टोक्यो: टोक्यो ओलंपिक के पुरुषों के हाई जंप फाइनल में एक अद्भुत बात हुई, जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। दरअसल ओलंपिक सहित अन्य खेल इवेंट में भी स्वर्ण पदक उन्हीं एथलीट को दिया जाता है जिनका प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा हो।
हालांकि, टोक्यो में ऐसा नहीं हुआ। हाई जंप के फाइनल के बाद कतर के 30 वर्षीय मुताज इसा बर्शिम और इटली के 29 साल के जियानमारको ताम्बरी संयुक्त रूप से गोल्ड मेडल के हकदार बने। बात लेकिन इतनी भर नहीं है। कतर के एथलीट ने जो किया उसकी वजह से ऐसा संभव हो सका।
कतर और इटली के बराबर स्कोर
हाई जंप के फाइनल में दोनों के स्कोर 2.37 मीटर के साथ बराबरी पर थे। नियमों के अनुसार ऐसे मामले में जहां स्कोर टाई हो, वहां 'जम्प ऑफ' कराया जाता है। इसमें हर एथलीट अधिकारियों द्वारा तय ऊंचाई तक छलांग लगाता है और फिर उसी आधार पर विजेता का चयन किया जाता है।
जाहिर है यहां भी विजेता को लेकर इसी प्रक्रिया का पालन किया जाना था लेकिन कतर के एथलीट बर्शिम ने कुछ ऐसा किया जिसकी खूब प्रशंसा हो रही है। बर्शिम से जब खेल से जुड़े अधिकारी ने जम्प ऑफ के लिए पूछा तो उन्होंने अधिकारी से पूछ लिया- 'क्या हम गोल्ड मेडल शेयर कर सकते हैं?'
नियमों के मुताबिक अधिकारी ने इसकी हामी भर दी। इस स्पर्धा में बेलारूस के माकसिम नेडासेकाउ को ब्रॉन्ज मेडल दिया गया जबकि सिल्वर मेडल किसी एथलीट को नहीं मिला।
बर्शिम और ताम्बरी ने क्यों किया मेडल शेयर?
गोल्ड मेडल शेयर किए जाने के बाद बर्शिम ने कहा, 'वे मेरे सबसे अच्छे दोस्तों में से एक हैं। हम न केवल ट्रैक बल्कि इसके बाहर भी अच्छे दोस्त हैं। हम साथ काम करते हैं। ये एक सपने के सच होने जैसा है। ये सही मायनों में खेल की भावना है।'
वहीं, इटली के ताम्बरी ने कहा, 'मेरे लिए ये लंबा सफर रहा। रियो-2016 ओलंपिक से पहले मुझे चोट आ गई थी।'
बर्शिम के लिए भी टोक्यो तक का सफर कुछ ऐसा ही रहा था। उन्होंने कई खिताब जीते हैं लेकिन ओलंपिक का गोल्ड उनके खाते में नहीं था। बर्शिम ने लंदन ओलंपिक में ब्रॉन्ज और रियो में सिल्वर मेडल जीता था। इसके बाद 2018 में चोट के कारण पूरे एक साल के लिए वे तमाम प्रतियोगिताओं से बाहर रहे थे। इसके बाद 2019 में दोहा में वर्ल्ड चैम्पियनशिप जीता था।