Tokyo Olympic: टोक्यो ओलंपिक-2020 का आगाज इसी हफ्ते होने जा रहा है। जाहिर तौर पर इसमें भारतीय एथलीट पर भी खास नजर होगी। इसी में से एक नाम पहलवान बजरंग पूनिया का भी है। भारत को उनसे पदक की उम्मीदे हैं। हाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूनिया ने कहा था कि वह खेल के हर मोर्च पर अपनी तैयारी में जुटे हैं।
बजरंग पूनिया का पहला ओलंपिक
टोक्यो ओलंपिक बजरंग पूनिया के करियर का पहला ओलंपिक खेल भी होगा। हरियाणा से आने वाले पूनिया भारत के बड़े खिलाड़ियों में गिने जाते हैं और पिछले कुछ वर्षों से लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं।
उन्होंने राष्ट्रमंडल खेल-2018 में स्वर्ण पदक जीता था। साथ ही एशियन गेम्स में भी वे गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाने में कामयाब रहे थे। इसके अलावा 2018 और 2019 के वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भी वे क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीतने में कामयाब रहे थे।
बजरंग पूनिया का सफर
उनका पहला बड़ा टूर्नामेंट 2013 में एशियन रेसलिंग चैम्पियनशिप था जो नई दिल्ली में खेला गया था। उन्हें तब उत्तर कोरिया के ह्वांग रयोंग-हाक से पुरुषों के फ्री-स्टाइल 60 किलोग्राम वर्ग में हार मिली थी और कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था।
इसके बाद 2013 में वर्ल्ड रेसलिंग चैम्पियनशिप में भी 60 किलोग्राम में उन्होंने कांस्य पदक जीता। इसके बाद 2014 में राष्ट्रमंडल खेलों में 61 किलोग्राम वर्ग में वे सिल्वर मेडल जीतने में कामयाब रहे। इसी साल एशियन रेसलिंग चैम्पियनशिप में भी वे सिल्वर मेडल जीतने में कामयाब रहे।
27 वर्षीय पूनिया हाल में घुटने में चोट से भी परेशान रहे। उन्हें ये चोट रूस में एक मैच के दौरान लगी थी। ऐसे में टोक्यो ओलंपिक के जरिए वे दमदार वापसी की उम्मीद में हैं। ये खास बात ये भी है कि बजरंग पूनिया ने पिछले दो वर्षों में 9 इंटरनेशनल टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है और हर बार मेडल पर कब्जा जमाया है।