शिक्षक दिवस पर मेरे लिए इससे बेहतर तोहफा नहीं हो सकता: बैडमिंटन कोच गौरव खन्ना
By भाषा | Published: September 5, 2021 05:02 PM2021-09-05T17:02:59+5:302021-09-05T17:02:59+5:30
तोक्यो पैरालंपिक में अपने खिलाड़ियों के प्रदर्शन से अभिभूत भारत के पैरा बैडमिंटन राष्ट्रीय कोच गौरव खन्ना ने रविवार को कहा कि उन्हें इस शिक्षक दिवस पर इससे बेहतर तोहफा नहीं मिल सकता। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों ने पैरालंपिक में दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य सहित चार पदक जीते। यह पहली बार है जब बैडमिंटन को पैरालंपिक खेलों में शामिल किया गया है।खन्ना ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ इससे अच्छा तोहफा नहीं हो सकता। जब मुझे द्रोणाचार्य पुरस्कार मिला था तो मेरे मन में एक खुशी थी जिसे मैं व्यक्त नहीं कर सकता था लेकिन पैरालंपिक खेलों के इन पदकों से जो खुशी मिली है वह उस खुशी से कम नहीं है। मैं अभिभूत हूं।’’खन्ना को पिछले साल द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।उन्होंने कहा, ‘‘मैने जो लक्ष्य रखा वह लगभग हासिल कर लिया है लेकिन मैं थोड़ा निराश हूं क्योंकि मुझे तरुण (ढिल्लों) और पलक (कोहली) से पदक की उम्मीद थी। हम वापसी करेंगे और इसे एक मजबूत सीख के रूप में लेंगे। अगर उन्होंने पदक जीते होते, तो हम छह पदक तक पहुंच सकते थे।’’भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर, खन्ना ने कहा, ‘‘मैं एक कोच के रूप में महसूस कर रहा हूं कि मेरी परीक्षा खत्म हो गई है, सत्र खत्म हो गया है, तो अब आगे क्या है?’’उन्होंने कहा, ‘‘ ओलंपिक चक्र खत्म हो गया है, अगले पैरालंपिक चक्र के लिए, यानी, 2028, 2032 और 2036 में हमें युवाओं की तलाश करनी होगी। कुछ महीनों में हमें एशियाई युवा खेल में भाग लेना है और मुझे उम्मीद है कि हम अच्छे परिणाम देंगे।’’उन्होंने कहा, ‘‘ मैं पलक जैसे कुछ युवा और किशोर (कम उम्र) के खिलाड़ियों पर ध्यान दे रहा हूं। ये खिलाड़ी अभी युवा हैं और उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन भी किया है। मुझे यकीन है कि ये किशोर और युवा खिलाड़ी कुछ महीनों में सुर्खियों में होंगे और पैरालंपिक के स्वर्ण पदक विजेताओं की तरह चमक बिखेरेंगे।’’खन्ना ‘गौरव खन्ना एक्सेलिया बैडमिंटन अकादमी (जीकेबीए)’ का संचालन करते है। उन्होंने कहा कि उनकी अकादमी में सभी आवश्यक सुविधाएं हैं और इसने भारत को इतने सारे पदक जीतने में भूमिका निभाई।
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