हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी ने लिया संन्यास, टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता भारतीय टीम के थे हिस्सा, दागे थे इतने गोल
By विनीत कुमार | Published: September 30, 2021 02:05 PM2021-09-30T14:05:41+5:302021-09-30T14:11:02+5:30
भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी रुपिंदर पाल सिंह ने गुरुवार को संन्यास का ऐलान किया। वे 13 सालों से भारतीय टीम के लिए खेल रहे थे।
नई दिल्ली: भारतीय हॉकी टीम के स्टार खिलाड़ी रुपिंदर पाल सिंह ने संन्यास का ऐलान कर दिया है। वे हाल में टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। रुपिंदर ने अपने 13 साल के लंबे करियर में भारत के लिए 223 मैच खेले। बतौर बेहतरीन ड्रैग फ्लिकर उनका खेल बेहद चर्चित रहा।
30 साल के रुपिंदर पाल सिंह ने अपने संन्यास का ऐलान करते हुए ट्विटर पर लिखा, 'हलो, मैं आप सभी से एक अहम घोषणा साझा करना चाहता हूं। पिछले कुछ महीने मेरे जीवन के सर्वश्रेष्ठ रहे। टोक्यो में अपनी टीम के साथ पोडियम पर खड़े होने के अनुभव को मैं जिंदगी भर नहीं भूल सकूंगा।’
इसके साथ ही उन्होंने एक पत्र साझा किया, जिसमें उन्होंने खेल के अपने सफरनामे और अनुभव को लिखा है।
रुपिंदर ने लिखा, 'मेरा मानना है कि यह मेरे लिए युवा और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए रास्ता बनाने का समय है ताकि वे हर उस महान आनंद का अनुभव कर सकें जो मैंने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए पिछले 13 वर्षों में महसूस किया है। मुझे 223 मैचों में भारत की जर्सी पहनने का सम्मान मिला है और इनमें से हर मैच खास हैं क्योंकि मुझे इस महान खेल से प्रेम करने वाले देश के लिए खेलने का सौभाग्य मिला।'
Hi everyone, wanted to share an important announcement with you all. pic.twitter.com/CwLFQ0ZVvj
— Rupinder Pal Singh (@rupinderbob3) September 30, 2021
रुपिंदर ने टोक्यो ओलंपिक में दागे तीन अहम गोल
रूपिंदर पाल सिंह ने टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए खेलते हुए तीन गोल दागे। इसमें तीसरे स्थान के लिए जर्मनी के खिलाफ हुए मैच में पेनल्टी स्ट्रोक पर किया गया गोल भी शामिल है। इसकी बदौलत भारत को ब्रॉन्ज मेडल जीतने में मदद मिली।
बता दें कि टोक्यो में प्रदर्शन के लिए रूपिंदर और टीम के साथी गुरजंत सिंह को हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की ओर से हॉकी चंडीगढ़ द्वारा आयोजित एक समारोह में 5-5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया था। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ओलंपिक में 41 साल बाद पदक जीतने में इस बार कामयाब रही थी।