टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने के बाद बजरंग पूनिया की विवादास्पद हार, पक्षपातपूर्ण अंपायरिंग का लगाया आरोप
By भाषा | Published: September 19, 2019 09:48 PM2019-09-19T21:48:06+5:302019-09-19T21:48:06+5:30
बजरंग के मुकाबले में उनके कोच शाको बैनिटिडिस रेफरी के फैसलों से गुस्से में आ गये थे। उन्होंने 65 किग्रा के मुकाबले में पक्षपातपूर्ण अंपायरिंग का विरोध किया।
नूर सुल्तान (कजाखस्तान) 19 सितंबर। बजरंग पूनिया टोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालिफाई करने के बाद विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में गुरुवार को स्थानीय पहलवान दौलत नियाजबेकोव से सेमीफाइनल मुकाबला विवादास्पद परिस्थितियों में हार गये। बजरंग के अलावा रवि दहिया ने भी सेमीफाइनल में पहुंचकर टोक्यो का टिकट कटाया, लेकिन वह भी यहां से आगे नहीं बढ़ पाये।
बजरंग के मुकाबले में उनके कोच शाको बैनिटिडिस रेफरी के फैसलों से गुस्से में आ गये थे। उन्होंने 65 किग्रा के मुकाबले में पक्षपातपूर्ण अंपायरिंग का विरोध किया। छह मिनट तक चला तनावपूर्ण मुकाबला 9-9 से बराबरी पर छूटा, लेकिन नियाजबेकोव ने मुकाबले में बजरंग को बाहर करके एक बार में सर्वाधिक चार अंक बनाये थे इसलिए उन्हें विजेता घोषित किया गया।
इस विवादास्पद मुकाबले में नियाजबेकोव काफी थक गये थे लेकिन रेफरी ने उन्हें उबरने का पूरा मौका दिया। इसके अलावा कम से कम तीन अवसरों पर उन्हें चेतावनी नहीं दी गयी। इसके बजाय स्थानीय पहलवान को चार अंक दे दिये गये जबकि साफ दिख रहा था कि इस ‘थ्रो’ में बजरंग की भूमिका अहम थी और उन्हें ये चार अंक मिलने चाहिए थे।
कोच बैनिटिडिस ने कहा, ‘‘मैंने इसे चुनौती दी और उन्हें इसके लिये कम से कम दो अंक बजरंग को देने चाहिए थे।’’ बजरंग ने कई अवसरों पर अपनी निराशा भी दिखायी लेकिन इससे कोई फायदा नहीं मिला। पिछली बार के रजत पदक विजेता भारतीय को अब शुक्रवार को कांस्य पदक के लिये भिड़ना होगा।
सेमीफाइनल तक की राह में कुछ चोटी के पहलवानों को हराने वाले रवि दहिया 57 किग्रा के सेमीफाइनल में रूस के मौजूदा विश्व चैंपियन जौर उगएव से 4-6 से हार गये और उन्हें भी अब कांस्य पदक के लिये भिड़ना होगा। रवि ने भी सेमीफाइनल में जगह बना ली है। बजरंग ने पुरूषों के 65 किग्रा में आसान ड्रा का पूरा फायदा उठाकर एक के बाद एक प्रतिद्वंद्वी को आसानी से शिकस्त दी। बजरंग को पहले दौर में पोलैंड के क्रीस्जतोफ बियांकोवस्की के खिलाफ खास मशक्कत नहीं करनी पड़ी। उन्होंने अपने इस प्रतिद्वंद्वी को आसानी से 9-2 से हराया।
बजरंग का अगला प्रतिद्वंद्वी डेविड हबाट था जो भारतीय पहलवान को खास चुनौती नहीं दे पाया हालांकि इस बीच स्लोवाकिया के पहलवान ने दो बार उनका दाहिना पांव अपने कब्जे में लिया था। लेकिन दोनों अवसरों पर वह इसका फायदा नहीं उठा पाया। कोरिया के जोंग चोइ सोन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में बजरंग ने शुरू में ही अंक गंवा दिया लेकिन उन्होंने यह मुकाबला आसानी से 8-1 से जीता।
रवि दहिया ने शानदार पदार्पण किया और 57 किग्रा में पहले दो मुकाबले तकनीकी दक्षता के आधार पर जीते। उन्होंने आर्मेनिया के 61 किग्रा में यूरोपीय चैंपियन आर्सन हारुतुनयान के खिलाफ छह अंक से पिछड़ने के बावजूद जवाबी हमले करके लगातार 17 अंक बनाकर जीत दर्ज की। इस मुकाबले के आखिर में आर्मेनियाई पहलवान ने अंक को चुनौती दी लेकिन काफी देर तक रीप्ले देखने के बाद रवि को विजेता घोषित कर दिया गया। रवि ने इससे पहले शुरुआती दौर में कोरिया के सुंगवोन किम को हराया था।
क्वार्टर फाइनल में उनका सामना 2017 के विश्व चैंपियन और विश्व में नंबर तीन युकी तकाहाशी से था। उनको हराना आसान नहीं था लेकिन रवि ने बहुत अच्छा खेल दिखाया और यह मुकाबला 6-1 से जीता। भारतीय पहलवान ने जापानी खिलाड़ी को हावी होने का मौका नहीं दिया।
महिला वर्ग में रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक का खराब प्रदर्शन जारी रहा और वह पहले दौर में ही नाईजीरिया की अमीनात आदेनियी से 7-10 से हार गयी। साक्षी ने आक्रमण करने के लिये काफी इंतजार किया जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी ने तेजी दिखायी।
साक्षी चैंपियनशिप से भी बाहर हो गयी है क्योंकि उनकी नाईजीरियाई प्रतिद्वंद्वी क्वार्टर फाइनल में हार गयी। महिलाओं के 68 किग्रा में दिव्या काकरान मौजूदा ओलंपिक चैंपियन जापानी खिलाड़ी सारा दोशो के खिलाफ खास चुनौती पेश नहीं कर पायी और 0-2 से हार गयी। दोशो बाद में क्वार्टर फाइनल में हार गयी जिससे दिव्या के लिये रेपेचेज के दरवाजे भी बंद हो गये।