असम के डीजीपी मुकेश सहाय ने रिटायरमेंट के बाद चुना ये रास्ता, पेश की मिशाल
By आदित्य द्विवेदी | Published: May 24, 2018 10:11 AM2018-05-24T10:11:51+5:302018-05-24T10:11:51+5:30
असम के पूर्व डीजीपी मुकेश सहाय का मानना है कि हम कभी भी सीखना नहीं बंद करते।
गुवाहाटी, 24 मईः अगर आप भरलुमुख इलाके के सोनाराम हायर सेकेंड्री स्कूल जाएंगे तो सफेद शर्ट और काली पैंट में एक शख्स दिखाई देंगे। जो क्लासरूम में गणित के समीकरणों को सुलझा रहे होंगे। ये शख्स कोई और नहीं कुछ दिन पहले तक असम के टॉप-कॉप रहे मुकेश सहाय हैं। 34 सालों तक प्रशासनिक सेवा में रहे मुकेश सहाय 30 अप्रैल को असम के डॉयरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) के पद से रिटायर हुए थे। इसके बाद उन्होंने सोनाराम हायर सेकेंड्री स्कूल में गणित का अध्यापक बनने का फैसला किया। स्कूल में दो साल से गणित का कोई अध्यापक ही नहीं था।
सोनाराम हायर सेकेंड्री स्कूल के प्रिंसिपल द्विजेंद्र नाथ के अनुसार इसकी शुरुआत 2016 में हुई थी जब उन्होंने मुकेश सहाय को एक कार्यक्रम में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया। प्रिंसिपल ने बताया, 'इस स्कूल की स्थापना 1984 में हुई थी। यहां से पढ़कर बड़े-बड़े राजनेता बने हैं। लेकिन 2016 से स्कूल में गणित का कोई अध्यापक नहीं था। मैं केमिस्ट्री का अध्यापक हूं उसके बावजूद गणित की कक्षाएं लेता था।'
मुकेश सहाय ने गणित के अध्यापक की जरूरत देखते हुए पढ़ाने की इच्छा व्यक्ति की। उन्होंने अगस्त 2017 में भी पढ़ाने की कोशिश की थी लेकिन व्यस्त प्रशासनिक कामकाज के चलते बात नहीं बन सकी। लेकिन 30 अप्रैल 2018 को रिटायर होने के अगले ही दिन उन्होंने प्रिंसिपल से संपर्क किया और 7 मई से स्कूल में पढ़ाने की शुरुआत कर दी। वो नियमित रूप से गणित की कक्षाएं लेते हैं।
Ex DGP of Assam Mukesh Sahai (IPS) starts his new journey as Math Teacher at Sonaram HS School, Bharalumukh from very next day of his retirement. Last 2 yrs there were no math teacher in d school. Salute to you Mr. Sahai. @narendramodi@PMOIndia@PrakashJavdekar@sarbanandsonwalpic.twitter.com/wMqeZZiHC5
— Pranjit Saikia (@SaikiaPranjit) May 23, 2018
मुकेश सहाय का कहना है कि उन्होंने इससे पहले कभी अध्यापक के रूप में काम नहीं किया। हालांकि पुलिस अधिकारी को दी गई ट्रेनिंग से मदद मिली। अपने शुरुआती दिनों में पैसे कमाने के लिए वो मजबूरी में ट्यूशन पढ़ाते थे। सोनाराम स्कूल के छात्रों को पूर्णकालिक गणित का अध्यापक मिलने से खुशी है।
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