परमबीर सिंह के 'लेटर बम' पर शरद पवार ने संभाला मोर्चा, कहा- आरोप गंभीर, पर अभी कोई सबूत नहीं

By नितिन अग्रवाल | Published: March 22, 2021 08:37 AM2021-03-22T08:37:20+5:302021-03-22T08:40:23+5:30

शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र की सरकार पूरी तरह सुरक्षित है और उसे कोई खतरा नहीं है। पवार ने परमबीर सिंह पर भी सवाल खड़े करते हुए पूछा ऐसे आरोप उन्होंने कमिश्नर पद पर रहते हुए क्यों नहीं लगाए।

Sharad Pawar says Parambir Singh allegation on Anil Deshmukh serious but no evidence | परमबीर सिंह के 'लेटर बम' पर शरद पवार ने संभाला मोर्चा, कहा- आरोप गंभीर, पर अभी कोई सबूत नहीं

परमबीर सिंह की चिट्ठी के विवाद पर शरद पवार ने कहा- नहीं दिए गए हैं कोई सबूत (फाइल फोटो)

Highlightsपरमबीर सिंह के अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप पर इसके लिए कोई सबूत नहीं दिए गए हैं: शरद पवारपत्र में नहीं बताया गया है कि पैसा किसके पास गया, परमबीर सिंह के दस्तखत भी नहीं हैं: एनसीपी प्रमुखशरद पवार ने साथ ही पूछा कि परमबीर सिंह ने कमिश्नर होते हुए ऐसे मामलों पर कभी क्यों कुछ नहीं कहा

नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रमुख शरद पवार ने परमबीर सिंह द्वारा लगाए आरोपों को गंभीर बताया है, लेकिन स्पष्ट किया कि इसके साथ कोई सबूत नहीं है. मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटाए गए परमबीर सिंह द्वारा कल दागे गए 'लेटर बम' पर मचे सियासी घमासान के बीच अब शरद पवार ने मोर्चा संभाल लिया है.

दिल्ली में रविवार को वे पत्रकारों से मुखातिब हुए और तमाम सवालों के जवाब दिए. महाराष्ट्र गृह मंत्री अनिल देखमुख को तत्काल हटाए जाने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा, ''परमबीर सिंह ने देशमुख पर जो आरोप लगाए हैं वह बेहद गंभीर हैं लेकिन उन्होंने इसके कोई सबूत नहीं दिए हैं. पत्र में यह भी नहीं बताया गया है कि पैसा किसके पास गया. साथ ही पत्र पर परमबीर सिंह के दस्तखत भी नहीं हैं.''

शरद पवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का भी बचाव किया और कहा महाराष्ट्र सरकार को किसी तरह का खतरा नहीं है. बता दें कि बीते दिन परमबीर सिंह ने 8 पन्नों का एक लेटर मुख्यमंत्री के नाम भेजा था, जिसमें आरोप लगाए गए थे कि राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को हर माह 100 करोड़ रुपए की उगाही का टार्गेट दिया था.

परमबीर सिंह कमिश्नर रहते हुए क्यों चुप थे?

पवार ने परमबीर सिंह को ही कठघरे में खड़ा कर दिया और पूछा कि यह आरोप उन्होंने मुंबई के पुलिस कमिश्नर रहते क्यों नहीं लगाए?  सचिन वाझे की दोबारा बहाली का फैसला भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे या गृह मंत्री अनिल देखमुख का नहीं, बल्कि खुद पुलिस कमिश्नर रहते हुए परमबीर सिंह का था.

शरद पवार ने कहा कि अनिल देशमुख से संबंधित फैसला मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेना है. वे प्रदेश के मुखिया हैं और उनके पास फैसला लेने का अधिकार है. पवार ने कहा कि इस मामले से सरकार की छवि पर कोई असर नहीं पड़ेगा. हालांकि उन्होंने इशारा किया कि यह महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर करने की कोशिश हो सकती है. 

पवार ने कहा कि देशमुख के संबंध में अगले एक-दो दिन में फैसला लिया जा सकता है. यह फैसला मुख्यमंत्री और राकांपा नेताओं के साथ चर्चा करने के बाद लिया जाएगा. पवार ने कहा कि आरोप गंभीर हैं लिहाजा मुख्यमंत्री को सुझाव दूंगा कि पूर्व आईपीएस अधिकारी जुलियो रिबेरो का सहयोग लें. 

Web Title: Sharad Pawar says Parambir Singh allegation on Anil Deshmukh serious but no evidence

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