महाराष्ट्रः जानिए कौन हैं मुंबई के नए पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह, जिन्होंने प्रज्ञा ठाकुर को किया था गिरफ्तार
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 1, 2020 08:55 AM2020-03-01T08:55:58+5:302020-03-01T08:55:58+5:30
महाराष्ट्र एसीबी के महानिदेशक के तौर पर तैनात आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह की नियुक्ति तब की गई है जब राज्य के गृह मंत्री एवं राकांपा नेता अनिल देशमुख ने बर्वे की सेवा अवधि को तीसरी बार बढ़ाने से इनकार कर दिया.
आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह शनिवार (29 फरवरी) को सेवानिवृत्त हुए संजय बर्वे की जगह मुंबई का नए पुलिस आयुक्त बने हैं. परमबीर मालेगांव ब्लास्ट की जांच के दौरान प्रज्ञा ठाकुर की गिरफ्तारी के बाद चर्चा में आए थे. उस दौरान कहा गया कि परमबीर के पास इस मामले की जांच थी और उनके प्रयास से ही प्रज्ञा पर शिकंजा कसा था.
हालांकि हेमंत करकरे उस वक्त एटीएस चीफ थे. एटीएस में आईजी रहे परमबीर एटीएस में डिप्टी आईजी के पद पर भी रह चुके हैं. सिंह का सर्विस रिकॉर्ड अच्छा रहा है. वे चंद्रपुर और भंडारा के जिला पुलिस अधीक्षक भी रह चुके हैं. कहे जाते हैं अंडरवर्ल्ड स्पेशिलस्ट परमबीर को अंडरवर्ल्ड नेटवर्क की पूरी जानकारी है.
1993 के सीरियल बम ब्लास्ट के एक आरोपी को भी उन्होंने पकड़ा था. इसके अलावा ठाणे पुलिस आयुक्त रहने के दौरान उन्होंने ड्रग्स रैकेट मामले में बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को आरोपी बनाया.
ड्रग्स रैकेट के मामले में चंडीगढ़ के डीआईजी शाजी मोहन को भी गिरफ्तार किया था. अपने करियर में परमबीर ने अंडरवर्ल्ड से जुड़े बहुत सारे ऑपरेशन किए. कासकर को पकड़ने में रही भूमिका सितंबर 2017 में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम के भाई इकबाल कासकर की गिरफ्तारी के वक्त परमबीर ठाणे के पुलिस आयुक्त थे. इकबाल को बिल्डर से उगाही की धमकी के आरोप में ठाणे अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया था.
बता दें, है. महाराष्ट्र एसीबी के महानिदेशक के तौर पर तैनात सिंह की नियुक्ति तब की गई है जब राज्य के गृह मंत्री एवं राकांपा नेता अनिल देशमुख ने बर्वे की सेवा अवधि को तीसरी बार बढ़ाने से इनकार कर दिया. दिलचस्प यह है कि पिछले साल दिसंबर में, बतौर एसीबी प्रमुख परमबीर सिंह ने 12 विदर्भ सिंचाई विकास निगम (वीआईडीसी) परियोजनाओं में कथित घोटाले के संबंध में राकांपा नेता अजित पवार को क्लीनचिट दी थी जो फिलहाल राज्य के उपमुख्यमंत्री हैं.
सिंह के पूर्ववर्ती बर्वे मुंबई पुलिस के रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण का काम बिना कीमत वसूले उनके बेटे और पत्नी की कंपनी को देने के कारण हाल में विवादों में घिर गए थे.