कोल्हापुर में कार नहीं पानी के टैंकर पर निकली अनोखी बारात, दूल्हे ने बताई ये वजह
By योगेश सोमकुंवर | Published: July 9, 2022 03:27 PM2022-07-09T15:27:42+5:302022-07-09T15:31:42+5:30
विवाह जीवन का यादगार लम्हा होता है. इस लम्हें को खास बनाने के लिए लोग क्या नहीं करते. कुछ अपनी शादी को भव्यतम बनाने का कोई मौका नहीं चुकते तो कुछ बिल्कुल सादगी से ब्याह के बंधन में बंध जाते है. लेकिन कुछ जोड़े ऐसे भी होते है जो इस मौके को समाज की जरुरतों की ओर ध्यान आकर्षित करने के तौर पर इस्तेमाल करते है.
विवाह जीवन का यादगार लम्हा होता है. इस लम्हें को खास बनाने के लिए लोग क्या नहीं करते. कुछ अपनी शादी को भव्यतम बनाने का कोई मौका नहीं चुकते तो कुछ बिल्कुल सादगी से ब्याह के बंधन में बंध जाते है. लेकिन कुछ जोड़े ऐसे भी होते है जो इस मौके को समाज की जरुरतों की ओर ध्यान आकर्षित करने के तौर पर इस्तेमाल करते है.
नवविवाहित जोड़े का अनोखा एलान
ऐसा ही एक वाकया महाराष्ट्र के कोल्हापुर में देखने मिला. जहां एक नवविवाहित दंपति ने शहर में पानी की अनियमित आपूर्ति की ओर ध्यान दिलाने के मकसद से पानी के टैंकर पर अपनी बारात निकालने का फैसला किया. इस बारात का वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहा है. कोल्हापुर के रहने वाले विशाल कोलेकर और अपर्णा की हाल में गुरुवार को शादी हुई जिसके बाद नवविवाहित जोड़े ने अपने इलाके में पानी की समस्या को उजागर करने के लिए पानी के टैंकर पर बारात निकाली. इसके साथ ही कोलेकर दंपति ने संकल्प भी लिया कि जब तक उनके शहर में पानी की समस्या का समाधान नहीं हो जाता, वे हनीमून पर नहीं जाएंगे.
'अनियमित जलापूर्ति का नहीं हुआ हल'
एक निजी कंपनी में काम करने वाले विशाल कोलेकर ने कहा, ‘‘हमारे यहां प्रिंस क्लब नामक एक सामाजिक समूह है जिसके माध्यम से हम मंगलवार पेठ के कुछ क्षेत्रों में अनियमित जलापूर्ति के बारे में प्रशासन को अवगत कराते रहे हैं. लेकिन, हमारी तमाम दलीलों के बावजूद इस मुद्दे का समाधान नहीं किया गया है.’’ विशाल के मुताबिक क्षेत्र में पानी की आपूर्ति अनिश्चित है इसलिए लोगों को अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पानी के टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ता है.
'पानी की समस्या हल नहीं होने तक हनीमून पर नहीं जाएंगे'
विशाल कोलेकर और उनकी पत्नी अपर्णा ने बारात के लिए कार की जगह पानी के टैंकर का इस्तेमाल किया. टैंकर पर एक बैनर लगा हुआ था, जिस पर लिखा हुआ था कि जब तक पानी की समस्या का समाधान नहीं हो जाता, वे हनीमून पर नहीं जाएंगे.