देवेंद्र फड़नवीस का आरोप- एंटीलिया और हीरेन मामले के पीछे शिवसेना में बैठे लोग, सचिन वाजे के लिए उद्धव ठाकरे ने किया था मुझे फोन
By नितिन अग्रवाल | Published: March 18, 2021 08:03 AM2021-03-18T08:03:55+5:302021-03-18T08:03:55+5:30
देवेंद्र फड़नवीस ने कहा है कि सचिन वाजे की बहाली के लिए उन पर भी उस समय दबाव बनाया गया था, जब वो मुख्यमंत्री थे।
नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने मनसुख हीरेन के हत्या के मामले में उद्धव सरकार की नाकामी करार दिया है. उन्होंने कहा कि यह मामला उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास मिली जेलेटिन की छड़ों से जुड़ा है लिहाजा इसकी जांच भी एनआईए द्वारा की जानी चाहिए.
भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए फड़नवीस ने कहा कि यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा है, जिसे छिपाने के लिए मनसुख हीरेन की हत्या कराई गई. ऐसा करके सरकार में बैठे प्रभावशाली लोगों को बचाने की कोशिश की गई है.
उन्होंने कहा कि इसके पीछे क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के प्रमुख एपीआई सचिन वाजे की भूमिका है लेकिन वह असल में सरकार और शिवसेना में बैठे लोगों के मोहरा भर हैं. फड़नवीस ने मांग की कि एनआईए की जांच के माध्यम से इस हत्याकांड और सचिन वाजे के पीछे छिपकर काम करने वाले लोगों का पर्दाफाश होना चाहिए.
'सचिन वाजे के लिए उद्धव ठाकरे ने किया था फोन'
फड़नवीस ने कहा कि मुंबई पुलिस के सहायक पुलिस निरीक्षक वाजे को वसूली के आरोप में हाईकोर्ट के आदेश पर निलंबित किया गया था. लेकिन 2018 में मेरे मुख्यमंत्री रहते मुझ पर उनकी बहाली के लिए दबाव बनाया गया. इसके लिए उद्धव ठाकरे ने खुद मुझे फोन किया और शिवसेना के मंत्रियों ने भी संपर्क किया था.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिन वाजे को वसूली अधिकारी के तौर पर बैठाया गया था. उसका और शिवसेना का काफी करीबी नाता रहा है. यही वजह है कि उगाही के आरोप में निलबिंत होने वाले वाजे को उद्धव ठाकरे सरकार ने कोरोना काल की आड़ में फिर से बहाल किया और पीआई की जगह एपीआई होने के बावजूद उसे क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट का प्रमुख भी बनाया गया.
महाराष्ट्र सरकार में बैठे कई लोगों की भूमिका का सच सामने आए: फड़नवीस
फड़नवीस ने कहा कि वाजे ने हीरेन से कार को एंटीलिया के पास खड़ी करने को कहा. वाजे के कहने पर ही उसने कार खोने की एफआईआर कराई. जिसमें बाद में जिलेटिन की छड़ें बरामद हुई. मामला खुलने के बाद वाजे ने ही हीरेन से दो दिन तक पूछताछ की और छोड़ दिया गया. इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई.
मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के तबादले के सवाल पर फड़नवीस ने कहा कि वाजे सीधे उसे रिपोर्ट करते थे लिहाजा परमबीर सिंह की जवाबदेही तो बनती है, लेकिन केवल इतना ही काफी नहीं है. इस मामले में सरकार में बैठे लोगों की भूमिका का सच सामने आना जरूरी है.
उन्होंने कहा कि सरकार में शामिल सभी दल भले इस मामले की जिम्मेदारी एक दूसरे पर डाल रहे हैं लेकिन हकीकत यह है कि कुशासन के खेल में सभी भागीदार हैं.