मुकुल वासनिक जन्मदिन विशेष: 25 की उम्र में बन गए थे सांसद, विदर्भ में लहराएंगे कांग्रेस का झंडा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 27, 2019 04:08 PM2019-09-27T16:08:22+5:302019-09-27T16:08:22+5:30
वासनिक 1984 से लेकर 1986 तक कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई (NSUI) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। इसके बाद 1988 से लेकर 1990 तक वह भारतीय यूथ कांग्रेस के भी राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे।
कांग्रेस के दिग्गज नेता और पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक ने राजनीतिक करियर की शुरुआत एनएसयूआई से की।वासनिक 1984 से लेकर 1986 तक कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई (NSUI) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। इसके बाद 1988 से लेकर 1990 तक वह भारतीय यूथ कांग्रेस के भी राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे।
59 वर्षीय मुकुल वासनिक मूल रूप से महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। वह यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं और उनके पास अच्छा खासा प्रशासनिक अनुभव भी है। वासनिक का जन्म 27 सितंबर 1959 को हुआ था। इनकी पढ़ाई लिखाई भी महाराष्ट्र में हुई है।
वासनिक ने मशहूर एक्टर और कांग्रेस के दिवंगत नेता सुनील दत्त के साथ मिलकर महात्मा गांधी की विरासत के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम किया। दांडी मार्च के 75 साल पूरा होने के मौके पर वासनिक ने उस वक्त की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के लिए विशेष आयोजन करवाया था।
मुकुल वासनिक के बारे में कहा जाता है कि दो चीजों पर उन्हें काबू नहीं है। वह है- उनका स्वभाव और भूख। वह कभी भी अपना टेंपर लूज़ कर जाते हैं। अपने आसपास अगर उन्हें चीजें बेतरतीब मिलती हैं तो उन्हें गुस्सा आ जाता है। मुकुल वासनिक ने शादी नहीं की है।
मुकुल वासनिक के घर में पहले से ही राजनीतिक माहौल था। उनके पिता बालकृष्ण वासनिक कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक थे और बुलढाना से तीन बार सांसद रहे। पिता के बाद बुलढाना की अपनी पारंपरिक सीट मुकुल वासनिक ने 1984, 1991 और 1998 में लोकसभा चुनाव जीता।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक को विदर्भ क्षेत्र का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। विदर्भ में वासनिक की पकड़ है। विदर्भ में विधानसभा की 62 सीटें हैं। वासनिक के अनुभव को देखते हुए कांग्रेस ने इन्हें अहम जिम्मेदारी दी है।
हालांकि उनके इर्द-गिर्द पहले से ही राजनीतिक माहौल था। उनके पिता और राजनीति गुरु बालकृष्ण वासनिक महाराष्ट्र के कांग्रेस के दिग्गज नेता में से एक थे। पिता बालकृष्ण वासनिक मात्र 28 साल की उम्र में सांसद बन गए थे। हालांकि मुकुल वासनिक ने पिता का रिकॉर्ड तोड़ दिया। वह महज 25 साल में लोकसभा के लिए चुने गए। उस समय वह सबसे कम उम्र के सांसद सदस्य थे।
इसके बाद 2009 में वह रामटेक से चुनाव लड़ विजयी हुए। हालांकि उन्हें 2008 में ब्रेन हेमरेज हुआ। मुकुल वासनिक ने उसे मात देकर फिर से राजनीति में सक्रिय हुए। यूपीए-2 में उन्हें सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री बनाया गया। मुकुल वासनिक को गांधी परिवार के काफी करीबी माना जाता हैं। एक समय जब राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ा था, तब मुकुल वासनिक दौड़ में सबसे आगे थे।