National Sickle Cell Anaemia Elimination Mission: मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शहडोल में राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के शुभारंभ के दौरान रानी दुर्गावती को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शहडोल में राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन पोर्टल लॉन्च किया। प्रधानमंत्री बनने के बाद जब मैं जापान की यात्रा पर गया था तब एक जापान के वैज्ञानिक से मिला था, वे वैज्ञानिक सीकलसेन एनीमिया में गहरा रिसर्च कर चुके थे। मैंने उनसे भी मदद मांगी। हमारा संकल्प है कि 2047 तक देश सीकलसेल से मुक्त होगा।
इससे लवड़ने में सबसे ज़रूरी है जांच कराना। कई बार तो मरीज़ों को लंबे समय तक पता नहीं चलता है कि वे इस बीमारी से जूझ रहे हैं। मैंने देश के अलग-अलग इलाकों में आदिवासी समाज के बीच एक लंबा समय गुजारा है। सीकलसेल एनीमिया बेहद कष्टदायक है। इनके रोगियों के शरीर, सीने में असहनीय दर्द होता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह बीमारी परिवारों को भी बिखेर देती है। यह बीमारी न हवा से, न पानी, न भोजन से फैलत है, यह बीमारी माता-पिता से ही बच्चों में होती है। यह अनुवांशिक है। पूरी दुनिया में सीकलसेल एनीमिया के जितने मामले होते हैं उनमें से 50% अकेले हमारे देश में होते हैं।
पूरी दुनिया में 'सिकल सेल एनीमिया' के जितने मामले होते हैं, उनमें से आधे अकेले हमारे देश में होते हैं, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि पिछले 70 वर्षों में कभी इसकी चिंता नहीं हुई और इससे निपटने के लिए कोई ठोस प्लान नहीं बनाया गया। मुझे पूर्ण विश्वास है कि जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा यानी 2047 तक हम सब मिलकर एक मिशन मोड में अभियान चलाएंगे।
मिशन की घोषणा केंद्रीय बजट 2023 में की गई थी। मोदी मध्य प्रदेश में लगभग 3.57 करोड़ आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) कार्डों के वितरण की भी शुरुआत की। प्रदेश में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। केंद्रीय बजट 2023 में राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन की घोषणा की गई थी।
यह मिशन देश के गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, असम, उत्तर प्रदेश, केरल, बिहार और उत्तराखंड के 278 जिलों में लागू किया जाएगा। प्रधानमंत्री जनजातीय और लोक कलाकारों के सांस्कृतिक कार्यक्रम देखेंगे और गांव में रात्रि भोजन भी करेंगे।