Nagpur Municipal Corporation: नागपुर महानगर पालिका में 4000 से ज्यादा पद खाली, छह सालों में नहीं हुई एक भी भर्ती

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 12, 2020 03:47 PM2020-03-12T15:47:19+5:302020-03-12T16:04:24+5:30

नागपुर महानगर पालिका में 4000 से ज्यादा पद रिक्त हैं. शहर में ठेके पर काम करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. ठेके वाली संस्कृति से लोगों के ऊपर जवाबदेही तय नहीं और इसका नुकसान शहर के लोगों को उठाना पड़ रहा है.

More than 4000 posts vacant in Nagpur Municipal Corporation, not a single recruitment done in six years | Nagpur Municipal Corporation: नागपुर महानगर पालिका में 4000 से ज्यादा पद खाली, छह सालों में नहीं हुई एक भी भर्ती

नागपुर महानगर पालिका (लोकमत फोटो)

Highlightsनागपुर महानगर पालिका में सबसे ज्यादा खराब हालत दमकल विभाग की हैं, इस विभाग में मुख्य अग्निशमन अधिकारी का ही पद खाली है.नागपुर महानगर पालिका में पिछले छह सालों में दो हजार से ज्यादा लोग रिटायर हुए लेकिन एक भी पद पर नई भर्ती नहीं हुई

नागपुरमहानगर पालिका कर्मचारियों व अधिकारियों पर तनाव दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है. वर्तमान में नागपुर मनपा में लगभग 35 फीसदी पद रिक्त हैं. अगर सफाई कर्मचारियों के आंकड़े जोड़ लें तो ये 50 फीसदी के आसपास पहुंच जाएगी. फिलहाल नई भर्ती बंद है. जबकि हर महीने 20 से 25 कर्मचारी व अधिकारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं. मनपा में क्लास 1 से 4 तक कुल 11961 मंजूर पद हैं. इसमें से 7950 पद भरे हुए हैं. कुल 4118 पद रिक्त हैं. ऐसे में रिक्त पद 34.43 फीसदी हैं. 

क्लास वन के 214 में से 103 पद रिक्त हैं. जबकि क्लास टू में 61 में से 50 पद रिक्त हैं. क्लास थ्री के 3812 में से 2016 पद रिक्त हैं. सफाई कर्मचारियों के 4721 पद रिक्त हैं. रिक्त पदों पर सालों से भर्ती नहीं हुई. इस वजह से मनपा में ठेका पद्धति पर काम करने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. ऐसे में कुछ गड़बड़ी होने पर ठेका पद्धति पर काम करने वालों की जवाबदारी तय नहीं हो पा रही. शहर में संपत्तियों के सर्वेक्षण का काम ठेके पर दे दिया गया. नियमानुसार सर्वेक्षण नहीं हुआ. इससे संपत्तिधारकों को अतिरिक्त टैक्स का बोझ बढ़ रहा है, लेकिन इसकी जवाबदारी लेने के लिए कोई तैयार नहीं है.

पिछले छह साल में 2000 कर्मचारी-अधिकारी हुए रिटायर

1 जनवरी 2014 से लेकर 31 दिसंबर 2019 के बीच छह वर्ष में दो हजार कर्मचारी व अधिकारी सेवानिवृत्त हुए. जबकि 200 कर्मचारियों की मौत हो गई. ऐसे में मृत कर्मचारियों की जगह वारिसदारों को नौकरी दे दी गई. लेकिन सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों की जगह पर नई भर्ती नहीं की गई. आगामी दो से तीन वर्षों में बड़ी संख्या में मनपा में कर्मचारी सेवानिवृत्त होने वाले हैं. ऐसे में काम का बोझ और बढ़ जाएगा. ठेका पद्धति वालों को कम वेतन कई स्थानों पर सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों व अधिकारियों को वापस काम पर लिया गया है. लेकिन उनके लिए एक वेतन तय होता है. मनपा का खर्च 45 फीसदी से अधिक है, उसे 35 फीसदी पर जब तक नहीं लाया जाता, तब तक नई भर्ती नहीं हो सकती. इसी वजह से मनपा ठेका पद्धति पर अलग-अलग काम के लिए सेवाएं ले रही है. उन्हें काफी कम वेतन दिया जाता है. उनकी कोई जवाबदारी नहीं होती.

दमकल में 80 फीसदी पद खाली 

नागपुर शहर का दायरा और आबादी बढ़ चुकी है. लेकिन मनपा के दमकल विभाग को उसके अनुरूप सक्षम नहीं बनाया जा रहा. इस विभाग में 80 फीसदी पद रिक्त हैं. छह महीने में और छह अधिकारी सेवानिवृत्त होने वाले हैं. मनपा में इस विभाग के लिए 872 पद मंजूर हैं, लेकिन वर्तमान में केवल 158 कर्मचारी व अधिकारी ही कार्यरत हैं. मुख्य अग्निशमन अधिकारी, उपमुख्य अग्निशमन अधिकारी, विभागीय अग्निशमन अधिकारी जैसे अहम पद भी खाली हैं.

Web Title: More than 4000 posts vacant in Nagpur Municipal Corporation, not a single recruitment done in six years

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