सरकारी नौकरियों में गरीब सवर्णों को उम्र में मिल सकती है छूट, कट ऑफ में रियायत पर भी होगा विचार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 15, 2019 09:18 AM2019-07-15T09:18:04+5:302019-07-15T09:18:04+5:30
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह को लिखे पत्र में कहा है कि विभिन्न माध्यमों से और कई लोगों के जरिये पत्र मिल है जिसमें ईडब्ल्यूएस यानी सामान्य वर्ग के गरीबों को सरकारी नौकरियों में उम्र सीमा में छूट देने की मांग की गई है.
सामान्य वर्ग के गरीबों को प्रतियोगी परीक्षाओं में उम्र सीमा में छूट देने को लेकर केंद्र सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को इस बारे में पत्र लिख कर अनुरोध किया है.
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह को लिखे पत्र में कहा है कि विभिन्न माध्यमों से और कई लोगों के जरिये पत्र मिल है जिसमें ईडब्ल्यूएस यानी सामान्य वर्ग के गरीबों को सरकारी नौकरियों में उम्र सीमा में छूट देने की मांग की गई है. वहीं, मंत्री ने पत्र में संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द आवश्यक कार्रवाई को लेकर निर्देश जारी करने का आग्रह किया है.
फिलहाल, सरकारी नौकरियों में ओबीसी उम्मीदवार को उम्र में तीन साल और अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों को 5 साल की छूट मिलती है.
मार्क्स में भी छूट पर विचार संभव
सरकारी नौकरियों में आरक्षित वर्ग(ओबीसी और एससी-एसटी) को कट ऑफ में भी कुछ रियायत दी जाती है. लेकिन सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए फिलहाल ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है.
थावरचंद गहलोत ने अपने पत्र में फिलहाल उम्र में छूट देने का ही मामला उठाया है लेकिन कार्मिक मंत्रालय अंकों में भी राहत देने पर विचार कर सकता है.
विश्वविद्यालयों में सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए सीटों के आरक्षित करने की अधिसूचना मानव विकास मंत्रालय पहले ही जारी कर चुका है.