इंडियन आर्मी में टूर ऑफ ड्यूटी के तहत 3 साल काम करने वालों को आंनद महिंद्रा देंगे अपने ग्रुप में काम करने का मौका
By प्रिया कुमारी | Published: May 16, 2020 03:34 PM2020-05-16T15:34:19+5:302020-05-16T16:11:17+5:30
नामचीन उद्योगपतियों में से एक आनंद महिंद्रा ने टूर ऑफ डियूटी का समर्थन किया है। महिंद्रा ने इंडियन आर्मी को खत लिखकर बताया है कि अगर ऐसा किया जाता है तो सेना में 3 साल तक ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ करके आने वाले युवाओं को उनका ग्रुप जॉब में तरजीह देगा।
नामचीन उद्योगपतियों में से एक आनंद महिंद्रा ने टूर ऑफ ड्यूटी प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा है कि अगर ऐसा किया जाता है तो सेना में 3 साल काम करके आने वाले युवाओं को उनका ग्रुप जॉब में तरजीह देगा।
भारतीय सेना को लिखे खत में आनंद महिंद्रा ने कहा कि हाल ही में पता चला कि भारतीय सेना टूर ऑफ ड्यूटी संबंधी नए प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इसके तहत युवाओं, फिट नागरिकों को स्वैच्छिक आधार पर सेना के साथ बतौर जवान या अफसर के तौर पर जुड़कर ऑपरेशनल एक्सपिरियंस लेने का मौका मिलेगा।
महिंद्रा ने आगे लिखा है मुझे पूरा यकीन है कि टूर ऑफ ड्यूटी के तौर पर मिलिटरी ट्रेनिंग के बाद जब वे कार्यस्थल पर आएंगे तो यह बहुत फायदेमंद साबित होगा। मिलिटरी ट्रेनिंग लेने वाले युवाओं को महिंद्रा ग्रुप नौकरी देने पर विचार करेगा।
आनंद महिंद्रा ने कहा कि अगर ये प्रस्ताव मंजूर हो जाता है तो देश के लिए ये काफी अहम कदम होगा। भारतीय सेना ने संकेत दिये हैं कि शुरुआत में ट्रायल के आधार पर टूर ऑफ ड्यूटी के तहत 100 अफसरों और 1000 जवानों को सेना में 3 साल तक के कार्यकाल के लिए रखने की योजना है। इस प्रस्ताव से सेना का यह मकसद हासिल करने में आसानी होगी।
मौजूदा वक्त में शॉर्ट सर्विस कमीशन के जरिए सेना जॉइन करने वालों को कम-से-कम 10 वर्ष की नौकरी करनी होती है। सेना में इससे कम अवधि की ड्यूटी का प्रावधान अभी नहीं है।
सेना को होगा फायदा
कहा जा रहा है कि टूर ऑफ ड्यूटी से सेना में युवाओं की संख्या बढ़ेगी। साथ ही पैसों की बचत भी की जा सकेगी। अभी शॉर्ट सर्विस कमिशन के जरिए सेना में भर्ती हुए अफसरों को रिलीज करने तक प्री-कमीशन ट्रेनिंग, वेतन व अन्य खर्च के तौर पर 10 साल में 5.12 करोड़ व 14 वर्ष के लिए 6.83 करोड़ खर्च करने पड़ते हैं। जबकि तीन साल के लिए शामिल हुए लोगों पर सिर्फ 80 से 85 लाख का खर्च आएगा।
कॉरपोरेट सेक्टर में भी अवसर
साथ ही टूर ऑफ ड्यूटी से रिटायर होने के बाद लोगों के लिए कॉरपोरेट सेक्टर में भी नए अवसर मिलेंगे। प्राइवेट कंपनियां प्रस्ताव में कहा गया है कि यह ऐसे लोगों के लिए सुनहरा मौका है जो पूरी जिंदगी के लिए सेना में काम नहीं करना चाहते लेकिन आर्मी के लाइफ का अनुभव लेना चाहते हैं।