Yes Bank Taza Khabar: 50 हजार रुपये से अधिक की निकासी पर लगा कैप, तो ओवैसी ने पूछा- क्या हमारी बचत बैंक में सुरक्षित है?
By अनुराग आनंद | Published: March 6, 2020 09:04 AM2020-03-06T09:04:17+5:302020-03-06T09:46:47+5:30
AIMIM नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर इस मामले में कहा कि पहले PMC बैंक गया और अब कमर्शियल येस बैंक भी इस हालत में है।
PMC बैंक के बाद अब लंबे समय से फंड जुटाने की किल्लत से जुझ रही Yes Bank पर अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने शिकंजा कस लिया है। इस बैंक के लिए आरबीआई की ओर से कुछ नियम लागू कर दिए गए हैं। आरबीआई के फैसले में कहा गया है कि ग्राहक 1 महीने तक सिर्फ 50 हजार रुपये ही अपने खाते से निकाल सकेंगे।
इसके बाद AIMIM नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर इस मामले में नरेंद्र मोदी सरकार से सवाल पूछा है। ओवैसी ने कहा कि पहले PMC बैंक गया और अब कमर्शियल बैंक भी इस हालत में है।
इसके साथ ही यस बैंक मामले पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पहले आईएलएफएस व दीवान जैसे नॉन बैंक देश की गिरती अर्थव्यवस्था के चपेट में आए। फिर पीएमसी जैसा एक बड़ा कॉर्पोरेटिव बैंक और फिर अब यस बैंक जैसा पहला कर्मिशियल बैंक बर्बादी के कगार पर आ गया है। इसके साथ ही असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल पूछा कि क्या हमारी बचत बैंक में सुरक्षित है?
First it was non banks like ILFS & Dewan that collapsed under the weight of a crashing economy
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 6, 2020
Then a big cooperative bank in the rich state of Maharashtra, PMC Bank failed
Now we’ve the first ever scheduled commercial bank to fail: Yes Bank
Are our savings safe from banks? https://t.co/GaS22OXaZE
RBI ने येस बैंक पर रोक लगाते हुए उसके निदेशक मंडल को किया भंग-
भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के येस बैंक पर रोक लगाते हुए उसके निदेशक मंडल को भंग कर दिया है। इसके अलावा बैंक के जमाकर्ताओं के लिए 50,000 रुपये की निकासी की सीमा तय की है। बैंक के लिए एक प्रशासक की भी नियुक्ति की गई है।
रिजर्व बैंक ने सरकार के साथ विचार विमर्श के बाद जमाकर्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए यह कदम उठाया है। रिजर्व बैंक ने येस बैंक के निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया है।
इसके साथ ही निदेशक मंडल पिछले छह माह से बैंक के लिए जरूरी पूंजी जुटाने में विफल रहा। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को येस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है।
रिजर्व बैंक ने देर शाम जारी बयान में कहा, ‘‘केंद्रीय बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि विश्वसनीय पुनरोद्धार योजना के अभाव, सार्वजनिक हित और बैंक के जमाकर्ताओं के हित में उसके सामने बैंकिंग नियमन कानून, 1949 की धारा 45 के तहत रोक लगाने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है।
इसने साथ में येस बैंक के जमाकर्ताओं को यह आश्वासन भी दिया कि उनके हितों की पूरी तरह रक्षा की जाएगी और उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है। बयान में कहा गया है कि बैंक के प्रबंधन ने इस बात का संकेत दिया था कि वह विभिन्न निवेशकों से बात कर रहा है और इसमें सफलता मिलने की उम्मीद है।
एसबीआई बोर्ड ने येस बैंक में निवेश को ‘सैद्धांतिक’ स्वीकृति दी-
बता दें कि एसबीआई बोर्ड ने नकदी संकट से जूझ रहे येस बैंक में निवेश के लिए ‘सैद्धांतिक’ स्वीकृति दे दी है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के केंद्रीय बोर्ड ने गुरुवार को एक बैठक में मामले पर चर्चा की। देर शाम, एसबीआई बोर्ड ने शेयर बाजारों को सूचित किया, ‘‘येस बैंक से संबंधित मामले पर गुरुवार को बैंक के केंद्रीय बोर्ड की बैठक में चर्चा की गई और बोर्ड ने बैंक में निवेश अवसर तलाशने के लिए सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है।’’
यह घोषणा तब की गई जब इससे कुछ घंटे पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने येस बैंक पर पाबंदियां लगा दीं और एक महीने के लिए जमाकर्ताओं के वास्ते निकासी सीमा 50 हजार रुपये तय कर दी तथा इसके बोर्ड को भंग कर दिया। खबरों के अनुसार सरकार ने एसबीआई और एलआईसी दोनों से येस बैंक में सामूहिक रूप से 49 प्रतिशत शेयर हासिल करने को कहा है।