Yes Bank crisis: राणा कपूर, पत्नी बिंदु और बेटियां रोशनी, राखी व राधा के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी, देश छोड़कर नहीं जा सकें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 9, 2020 06:58 PM2020-03-09T18:58:10+5:302020-03-09T20:19:49+5:30
अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने कपूर, उनकी पत्नी बिंदु और बेटियों रोशनी, राखी तथा राधा के साथ ही डीएचएफएल के कर्ताधर्ता कपिल वधावन तथा आरकेडब्ल्यू डवलपर्स के प्रमोटर धीरज वधावन के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
नई दिल्लीः सीबीआई ने सोमवार को यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर के परिवार को कथित तौर पर रिश्वत देने के मामले में सात स्थानों पर छापे मारे।
साथ ही उनके परिवार के सदस्यों समेत सात आरोपियों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) भी जारी किया ताकि वे देश छोड़कर नहीं जा सकें। यह मामला घोटालों में घिरी डीएचएफएल द्वारा कपूर के परिवार को कथित तौर पर 600 करोड़ रुपये की रिश्वत देने से जुड़ा है।
सीबीआई ने अपनी प्राथिमिकी में पांच कंपनियों, कपूर की पत्नी और तीन बेटियों सहित सात व्यक्तियों और अन्य अज्ञात लोगों को नामजद किया है। राणा कपूर के अलावा एजेंसी ने उनकी पत्नी बिंदु, बेटी रोशिनी, राखी और राधा पर मुकदमा किया है। अधिकारियों ने बताया कि दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रवर्तक कपिल वाधवन और डीएचएफएल से संबंधित कंपनी आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक धीरज राजेश कुमार वाधवन को भी आरोपी बनाया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई अधिकारियों की दस टीमें मुंबई में आरोपियों के आवास और आधिकारिक परिसरों में तलाशी ले रही हैं। वहीं प्राथमिकी में नामजद कपूर और वाधवान समेत सभी सातों आरोपियों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है। इसके अलावा डीएचएफएल, आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, कपूर परिवार के नियंत्रण वाली डोल्ट अर्बन वेंचर्स, आरएबी एंटरप्राइजेज (लिंडिया) प्राइवेट लिमिटेड (जिसमें बिंदु राणा कपूर निदेशक थीं) और मॉर्गन क्रेडिट्स प्राइवेट लिमिटेड (जिसमें राणा कपूर की बेटियां निदेशक थीं) को भी आरोपी बनाया गया है।
सीबीआई वर्ली के समुद्र महल इमारत में स्थित कपूर के अपार्टमेंट के अलावा उनकी बेटी राखी और राधा के एनसीपीए परिसर स्थित आवास, वाधवन के घर सी-व्यू, पैलेस हिल्स की भी तलाशी ले रही है। अधिकारियों के मुताबिक कपूर ने डीएचएफएल के प्रवर्तक कपिल वाधवन के साथ आपराधिक षड्यंत्र कर यस बैंक के माध्यम से डीएचएफएल को वित्तीय सहायता मुहैया कराई और उसके बदले राणा के परिवार के सदस्यों को अनुचित लाभ मिला।
सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार घोटाला अप्रैल और जून, 2018 के बीच शुरू हुआ, जब यस बैंक ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के अल्पकालिक ऋण पत्रों में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया था। उन्होंने कहा कि इसके बदले वाधवन ने कथित रूप से कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को 600 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया। उन्होंने कहा कि यह लाभ डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को कर्ज के रूप में दिया गया।
यस बैंक के प्रशासक ने कहा, सभी सेवाएं बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं
आरबीआई द्वारा नियुक्त यस बैंक के प्रशासक प्रशांत कुमार ने सोमवार को कहा कि बैंक अपने ग्राहकों के लिए सभी बैंकिंग सेवाओं को जल्द से जल्द बहाल करने के लिए काम कर रहा है। कुमार ने एक टीवी चैनल के दिए इंटरव्यू में कहा, “मुझे लगता है कि हमारी सबसे पहली प्राथमिकता ग्राहक हैं और अपने ग्राहकों को सुविधाजनक व्यापार मुहैया कराना है, और जैसा कि आपने पहले दिन से देखा होगा, हमारे सभी एटीएम ग्राहकों के लिए चालू थे।”
उन्होंने कहा कि यहां तक कि शनिवार शाम से दूसरे बैंकों के एटीएम से भी ग्राहक नकदी निकाल सकते थे। कुमार ने सीएनबीसी टीवी 18 ने कहा, “और हमारी शाखाओं में हमारे कर्मचारी ग्राहकों को सेवाएं दे रहे हैं। वे उनके मसलों से निपट रहे हैं। मैं इस अवसर पर अपने सभी ग्राहकों को भी धन्यवाद कहना चाहता हूं, जिन्होंने वास्तव में हमारा सहयोग किया, जिन्होंने बहुत अधिक धैर्य का परिचय दिया। और मैं सोचता हूं कि यह यस बैंक के ब्रांड में विश्वास के चलते है।” रिजर्व बैंक ने पांच मार्च 2020 को यस बैंक के बोर्ड को निलंबित कर दिया था और एसबीआई के पूर्व अधिकारी कुमार को उसका प्रशासक नियुक्त किया।
इसके साथ ही ग्राहकों के लिए तीन अप्रैल तक अधिकतम निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय कर दी गई। कुमार ने भरोसा दिलाया कि सभी बैंकिंग सेवाओं को जल्द से जल्द बहाल करने के लिए बैंक के कर्मचारी कठिन परिश्रम कर रहे हैं। आरबीआई की रोक से यस बैंक के विनिमय लेनदेन, क्रेडिट कार्ड, डिजिटल भुगतान जैसे वित्तीय बाजार के लेनदेन भी प्रभावित हुए। कुमार ने कहा, “मेरा मानना है कि हम 14 मार्च को अपना परिणाम घोषित करने जा रहे हैं।”
आरबीआई की कार्रवाई से पहले बैंक ने 2019-20 की तीसरी तिमाही के लिए अपने वित्तीय परिणामों की घोषणा को टाल दिया था। यह पूछने पर कि बैंक की पूंजी आवश्यकता एसबीआई द्वारा 2,450 करोड़ रुपये में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के मुकाबले काफी अधिक है, कुमार ने कहा कि जब बोर्ड तीसरी बैठक में तिमाही आय की घोषणा करेगा, तो इस बारे में स्पष्टता आएगी।
उन्होंने कहा, “एसबीआई ने 49 प्रतिशत के लिए जो रुचि दिखाई है, निश्चित रूप से जरूरत उससे काफी अधिक होगी। हम समान सोच वाले निवेशकों के साथ बातचीत कर रहे हैं।” कुमार ने कहा, “इसलिए हमें पूरी उम्मीद है कि दो दिनों में पूंजी की आवश्यकता के मुद्दे पर ध्यान दिया जाएगा।”