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स्पेशल ट्रेन से बिहार लौटे मजदूरों ने खोली केंद्र और राज्य सरकार की पोल, टिकट से भी ज्यादा पैसे वसूले जाने के लगाये आरोप

By एस पी सिन्हा | Updated: May 5, 2020 17:10 IST

केन्द्र से लेकर राज्य तक तमाम सरकारों के दावे और उनके इन बयानों का पोल खोलते हुए एर्णाकुलम से दानापुर पहुंचे कई मजदूरों ने कहा कि आने के लिए उनके 910 रुपए किराया वसूला गया.

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ठळक मुद्देबेंगलुरु से पटना पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन से उतरे मजदूरों ने बताया कि हमनें ट्रेन का भाड़ा दिया है. इतना ही नहीं मजदूरों ने जो कुछ बताया वो सरकार के होश उड़ा देने वाले हैं. कई मजदूरों ने टिकट दिखाते हुए बताया कि उनसे 1050 रुपये वसूले गये हैं।

पटना: केन्द्र सरकार और बिहार सरकार के दावों के विपरीत स्पेशल ट्रेन से बिहार लौटे आप्रावासी मजदूरों ने सबकी पोल खोलकर रख दी है. एक ओर रेलवे ने यह बयान जारी किया था कि पचासी प्रतिशत केन्द्र और पंद्रह प्रतिशत भाडे के राशि वहन कर रही हैं और मजदूरों से एक पैसा भी नही लिया जा रहा है. यही नहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी खुद वीडियो जारी कर साफ कर दिया था कि वे बिहारी मजदूरों से एक रुपया भी भाड़ा नहीं वसूल रहे हैं बल्कि बाहर से आने वाले मजदूरों को क्वारेंटाइन कराने के बाद पैसे भी दिए जाएंगे। 

लेकिन केन्द्र से लेकर राज्य तक तमाम सरकारों के दावे और उनके इन बयानों का पोल खोलते हुए एर्णाकुलम से दानापुर पहुंचे कई मजदूरों ने कहा कि आने के लिए उनके 910 रुपए किराया वसूला गया. बकायदा मजदूरों ने 910 रुपए का टिकट भी दिखाया. मजदूरों ने कहा कि यह टिकट उनलोगों को स्टेशन पर दिया गया. सभी मजदूर लॉकडाउन के कारण केरल में फंसे हुए थे. आज इन मजदूरों को लेकर श्रमिक स्टेशल ट्रेन दानापुर पहुंची. यही नहीं बेंगलुरु से आए मजदूरों ने भी अपने पास मौजूद ट्रेन का टिकट दिखाया. 

ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि आखिर किसने मजदूरों से 910 रुपए लिया और टिकट दिया? बेंगलुरु से पटना पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन से उतरे मजदूरों ने बताया कि हमनें ट्रेन का भाड़ा दिया है. पटना पहुंचे मजदूरों ने ट्रेन का टिकट दिखाया और बताया कि उनसे ट्रेन का भाड़ा लिया गया है. 

इतना ही नहीं मजदूरों ने जो कुछ बताया वो सरकार के होश उड़ा देने वाले हैं. कई मजदूरों ने टिकट दिखाते हुए बताया कि उनसे 1050 रुपये वसूले गये हैं, जबकि टिकट पर 910 रुपया अंकित था. यानि मजदूरों से टिकट तो कटवाया ही गया साथ ही साथ भोले-भाले मजदूरों से अवैध वसूली भी की गई. 910 रुपये की टिकट पर 1050 रुपये तक वसूले गये. 

इस खुलासे के बाद अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि बिहारियों को लाने के लिए राज्य सरकार रेलवे को पैसा दे रही है. बिहार आने पर मजदूरों को कोई पैसा नहीं लिया जा रहा है. कोटा से जो छात्र आ रहे हैं. उनसे भी पैसा नहीं लिया जा रहा है. 

जिस स्टेशन पर उनकी ट्रेन आएगी तो पूरी जांच करने के बाद उनके प्रखंड तक भेजा जाएगा. वहां पर 21 दिन का क्वॉरेंटाइन किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि क्वॉरेंटाइन सेंटर पर रहने के लिए सभी तरह की व्यवस्था की गई है. क्वॉरेंटाइन सेंटर से जाने के बाद जितना भी आने में उनको खर्च हुआ उसके अलावे 500 रुपए अलग से सरकार देगी और कम से कम 1000 हजार रुपए उनको अलग से दिया जाएगा. 

टॅग्स :कोरोना वायरसबिहार में कोरोनाकोरोना वायरस लॉकडाउन
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