मां-बाप से अलग रहने वाले पति के साथ महिलाएं ज्यादा करती है घरेलू हिंसा, कम आय वर्ग में पति इस हिंसा से है ज्यादा पीड़ित- नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 का दावा
By आजाद खान | Published: May 28, 2022 04:29 PM2022-05-28T16:29:09+5:302022-05-28T16:37:30+5:30
आपको बता दें कि पुरूषों पर उनकी पत्नियों द्वारा हो रही शारीरिक हिंसा या घरेलू हिंसा में पढ़ाई का बड़ा रोल होता है।
Domestic Violence by NFHS-5: आम तौर पर ऐसा देखा गया है कि महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार ज्यादा होती है। लेकिन हाल में हुई एक प्रिंसिपल के उसकी पत्नी द्वारा पिटाई ने भारत में पुरूषों के साथ हो रही घरेलू हिंसा पर भी सवाल उठाए जा रहें है। बताया जा रहा है कि प्रिंसिपल की पत्नी उसे क्रिकेट बैट से पीटते हुए वायरल वीडियो में दिख रही है। इस घटना के बाद पुरूषों के साथ हो रहे घरेलू हिंसा पर भी बहस छिड़ गई है। वहीं इस मामले को लेकर जब नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (NFHS-5) का डेटा देखा गया तो चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं।
NFHS-5 का डेटा कहता है कि देश में कुल चार फीसदी महिलाएं ऐसी है जो कभी न कभी अपने पति के साथ घरेलू हिंसा जरूर की है। डेटा के अनुसार, ये महिलाएं वो हैं जिन पर उनके पति द्वारा कभी भी घरेलू हिंसा नहीं किया गया है, लेकिन इन लोगों ने अपने पति पर जरूर हिंसा किया है।
न्यूकिलयर फैमिली में महिलाएं अपनी पति पर ज्यादा करती है हिंसा
इस केस में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (National Family Health Survey-5) 2019-2021 की डेटा को अगर माने तो न्यूकिलयर फैमिली यानी जिस फैमली में केवल पति-पत्नी और उनके अविवाहित बच्चे ही रहते है ऐसे मामले ज्यादा देखे गए हैं। इसके मुताबिक, न्यूकिलयर फैमिली में रहने वाली 3.9 फीसदी महिलाओं ने कभी न कभी अपने पति के साथ हिंसा जरूर की है।
वहीं अगर इसकी तुलना संयुक्त परिवार या गैर न्यूक्लियर फैमिली से करें तो ऐसे में गैर न्यूक्लियर फैमिली वाली महिलाएं 3.3 फीसदी अपने पतियों पर हिंसा करते हुए पाई गई है। यही नहीं यह रिपोर्ट यह भी कहता है कि इन महिलाओं में से 3 फीसदी महिलाएं ऐसी है जिन्होंने पिछले 12 महीने में ही अपने पिता के साथ हिंसा की है।
महिलाओं पर शिक्षा का कितना असर
इस रिपोर्ट ने यह भी बताया कि पुरूषों पर उनकी पत्नियों द्वारा हो रही शारीरिक हिंसा या घरेलू हिंसा में पढ़ाई का बड़ा रोल है। डेटा के मुताबिक, जो पति अपनी पत्नी से ज्यादा पढ़ा है उसके साथ हिंसा करने वाली पत्नियों की संख्या 3.1 फीसदी है। लेकिन जब पत्नियां अपने पति से ज्यादा पढ़ी लिखी है तब भी ऐसे मामले देखे गए है जहां पर पतियों के साथ हिंसा करने वाली महिलाओं की संख्या 3.7 फीसदी है। ऐसे में चौंकाने वाले आकड़े तब सामने जब पति-पत्नी दोनों ही पढ़े-लिखे नहीं थे और ऐसे में अपने पति पर हिंसा करने वाली महिलाओं की संख्या 5.6 फीसदी है।
इस सरकारी डेटा में यह भी कहा गया है कि यह हिंसा ज्यादातर आर्थिक आधार को लेकर किया गया है। ऐसे में सबसे निचले आय वर्ग में 4.8 फीसदी, मध्यम वर्ग में 3.8 फीसदी और उच्च आयवर्ग में 2.1 फीसदी महिलाओं ने अपने पति को मौका पाकर जरूर निशाना बनाया है तभी तो सरकार के पास इसकी डेटा पहुंची है।