नहीं होगा संसद का शीतकालीन सत्र, सरकार ने जनवरी में बजट सत्र की बैठक बुलाने का सुझाव दिया, कांग्रेस ने आलोचना की

By भाषा | Updated: December 15, 2020 21:37 IST2020-12-15T21:37:50+5:302020-12-15T21:37:50+5:30

Winter session of Parliament will not happen, the government suggested to call a meeting of the budget session in January, Congress criticized | नहीं होगा संसद का शीतकालीन सत्र, सरकार ने जनवरी में बजट सत्र की बैठक बुलाने का सुझाव दिया, कांग्रेस ने आलोचना की

नहीं होगा संसद का शीतकालीन सत्र, सरकार ने जनवरी में बजट सत्र की बैठक बुलाने का सुझाव दिया, कांग्रेस ने आलोचना की

नयी दिल्ली, 15 दिसंबर सरकार ने विपक्ष को बताया है कि कोविड-19 महामारी के कारण इस साल संसद का शीतकालीन सत्र नहीं होगा और इसके मद्देनजर अगले साल जनवरी में बजट सत्र की बैठक आहूत करना उपयुक्त रहेगा। कांग्रेस ने सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए इसे संसदीय लोकतंत्र को नष्ट करने का कार्य करार दिया ।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को लिखे एक पत्र में केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘‘सर्दियों का महीना कोविड-19 के प्रबंधन के लिहाज से बेहद अहम है क्योंकि इसी दौरान कोरोना के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है, खासकर दिल्ली में। अभी हम दिसंबर मध्य में हैं और कोरोना का टीका जल्द आने की उम्मीद है।’’

जोशी ने कहा कि उन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से संपर्क स्थापित किया और ‘‘उन्होंने भी महामारी पर चिंता जताते हुए शीतकालीन सत्र से बचने की सलाह दी’’।

जोशी ने पत्र में लिखा, ‘‘सरकार संसद के आगामी सत्र की बैठक जल्द बुलाना चाहती है। कोरोना महामारी से पैदा हुई अभूतपूर्व स्थिति को ध्यान में रखते हुए बजट सत्र की बैठक 2021 की जनवरी में बुलाना उपयुक्त होगा।’’

ज्ञात हो कि कोरोना महामारी के चलते इस साल संसद का मानसून सत्र देरी से आरंभ हुआ था। जोशी ने इस सत्र की उत्पादकता को लेकर सभी दलों के सहयोग की सराहना की।

संसद का शीतकालीन सत्र सामान्यत: नवंबर के आखिरी या दिसंबर के पहले सप्ताह में आरंभ होता है। संवैधानिक व्यवस्था के मुताबिक संसद के दो सत्रों की बैठक के बीच छह महीने से अधिक का अंतर नहीं होना चाहिए। संसद के एक साल में तीन- बजट, मानसून और शीतकालीन सत्र की बैठक बुलाए जाने की परंपरा रही है।

बहरहाल, कांग्रेस ने कोरोना महामारी के कारण संसद का शीतकालीन सत्र इस बार नहीं कराए जाने के फैसले को लेकर मंगलवार को सरकार पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि संसदीय लोकतंत्र को नष्ट करने का काम पूरा हो गया।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘मोदी जी, संसदीय लोकतंत्र को नष्ट करने का काम पूरा हो गया।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘कोरोना काल में नीट/जेईई और यूपीएससी की परीक्षाएं संभव हैं, स्कूलों में कक्षाएं, विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं संभव हैं, बिहार-बंगाल में चुनावी रैलियां संभव हैं तो संसद का शीतकालीन सत्र क्यों नहीं? जब संसद में जनता के मुद्दे ही नहीं उठेंगे तो लोकतंत्र का अर्थ ही क्या बचेगा?’’

वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि सरकार ने इस फैसले को लेकर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के साथ किसी तरह का सलाह-मशविरा नहीं किया।

रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष से विचार-विमर्श नहीं किया गया। प्रह्लाद जोशी हमेशा की तरह एक बार फिर सच से दूर हैं।

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