बिहार की सियासत में उठा सवाल, क्या नीतीश कुमार नजरें मिला पाएंगे अमित शाह से, अगले महीने गृहमंत्री की पूर्वी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ होनी है बैठक
By एस पी सिन्हा | Published: November 29, 2022 03:56 PM2022-11-29T15:56:41+5:302022-11-29T16:02:18+5:30
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जल्द ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात होनी है, ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि नीतीश कुमार किस तरह से अमित शाह से नजरें मिलाएंगे क्योंकि शाह ने आरोप लगाया था कि नीतीश कुमार ने उनके साथ फरेब किया था। नीतीश ने शाह को भरोसा दिया था कि वो एनडीए छोड़कर नहीं जाएंगे लेकिन बाद में वो राजद के साथ चले गये थे।
पटना: केंद्र सरकार ने 17 दिसंबर को पूर्वी क्षेत्रीय बैठक बुलाई है। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। जिसमें पांच पूर्वी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को मौजूद रहना है। ऐसे में अब यहां यह सवाल उठने लगा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्या अगले महीने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से नजर मिला पायेंगे? दरअसल, करीब तीन-साढे तीन महीना पहले पाला बदलने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्र सरकार और भाजपा नेताओं से बात और मुलाकात करने से लगातार बच रहे हैं।
जानकारी के अनुसार 17 दिसंबर को कोलकाता में पूर्वी क्षेत्रीय बैठक होने की संभावना है, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मौजूद रहेंगे। इस बैठक में बंगाल के अलावा बिहार, ओडिशा, झारखंड और सिक्किम के मुख्यमंत्री को मौजूद रहेंगे। वैसे यह बैठक पांच नवंबर को ही होने वाली थी, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री की व्यस्तताओं के कारण बैठक की तारीख को आगे बढाते हुए 17 दिसंबर कर दिया गया है।
जानकारों के अनुसार मुख्यमंत्रियों की इस अहम बैठक में अंतर्राज्यीय मसलों पर चर्चा होनी है। इसके साथ ही दो पड़ोसी राज्यों के बीच विवाद के मुद्दों को हल किया जाना है साथ ही बैठक में आंतरिक सुरक्षा को लेकर भी चर्चा होनी है। इसमें बिहार, बंगाल और सिक्किम जैसे राज्यों की सीमा दूसरे देशों से लगती है। इसके साथ ही सीमा पर सुरक्षा तंत्र को लेकर भी इसी बैठक में चर्चा होनी है। इस तरह की क्षेत्रीय बैठकों में मुख्यमंत्रियों के ही शामिल होने की परंपरा रही है। ऐसे में एक बड़ा सवाल यह उठ खडा हुअ है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्या केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सामना करने कोलकाता जायेंगे?
यहां उल्लेखनीय है कि अगस्त में भाजपा से पाला बदल कर राजद के साथ सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार उस समय से ही केंद्र सरकार और भाजपा के बड़े नेताओं से बचकर निकल रहे हैं। पिछले तीन महीने से नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार के किसी मंत्री से बात नहीं की है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को तो खुलेआम यह कहना पड़ा कि उन्होंने कई बार नीतीश कुमार से बात करने के लिए कॉल किया, लेकिन नीतीश ने बात नहीं की।
वहीं, पिछले महीने केंद्र सरकार ने देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर हरियाणा में सभी राज्यों के गृह मंत्रियों की बैठक की थी। इस बैठक में गृह मंत्री का प्रभार देखने वाले लगभग सभी मुख्यमंत्री पहुंचे थे, लेकिन नीतीश कुमार ने बिहार के डीजीपी को भेज दिया था। बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह पहले ही यह कह चुके हैं कि नीतीश कुमार ने उनसे झूठ बोला था।
अमित शाह ने सीमांचल दौरे के समय कहा था कि अगस्त में जब नीतीश कुमार पाला बदलने की रणनीति बना रहे थे तब मैंने उन्हें फोन किया था। नीतीश के पाला बदलने से ठीक दो दिन पहले मैंने उन्हें फोन कर कहा था कि अगर जाना ही है तो बताकर जाइयेगा। लेकिन नीतीश कुमार ने कहा कि ऐसी कोई बात ही नहीं है। कुछ लोग पाला बदलने की अफवाह फैला रहे हैं।
लेकिन अमित शाह से बातचीत होने के दो दिन बाद नीतीश कुमार ने राजद के साथ दोस्ती कर ली थी। ऐसे में नीतीश कुमार की विश्वसनियता पर अमित शाह पहले ही सवाल उठा चुके हैं। यही नही नीतीश कुमार भी अमित शाह के राजनीतिक जीवन को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर चुके हैं। ऐसे में अब सवाल यह उठने लगा है कि नीतीश कुमार किस मुंह से अमित शाह का सामना कर पायेंगे?