भाजपा के निलंबित विधायक टी राजा सिंह की रिहाई के लिए पत्नी ने तेलंगाना हाईकोर्ट में दायर की हैबियस कार्पस याचिका
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 6, 2022 06:46 PM2022-09-06T18:46:36+5:302022-09-06T18:53:52+5:30
भाजपा के निलंबित विधायक टी राजा सिंह की पत्नी उषा भाई ने तेलंगाना हाईकोर्ट में हैबियस कार्पस याचिका दायर करते हुए तेलंगाना पुलिस राजा की की गिरफ्तारी को अवैध बताया है।
हैदराबाद: भाजपा के निलंबित विधायक टी राजा सिंह की पत्नी उषा भाई ने तेलंगाना हाईकोर्ट में हैबियस कार्पस याचिका दायर करके कोर्ट से मांग की है कि राज्य के प्रधान सचिव, जीएडी (कानून) द्वारा 25 अगस्त को निवारक निरोध कार्यवाही के तहत की गई टी राजा सिंह की गिरफ्तारी को निरस्त की जाए क्योंकि ये गिरफ्तारी गैरकानूनी, मनमाना, कानून के विपरीत और निवारक निरोध अधिनियम के नियमों के अलावा भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के विपरित है।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक हाईकोर्ट में उषा भाई की याचिका में यह भी तर्क दिया कि हैदराबाद में पुलिस आयुक्त को पता है कि बंदी को उसके खिलाफ लगाए गए प्राथमिक आरोपों में जमानत मिल चुकी है और उसके खिलाफ लगाये गये अन्य आरोप कानूनी रूप से मान्य नहीं हैं और मौजूदा गिरफ्तारी केवल टी राजा सिंह को परेशान करने के लिए की गई है, जिससे उनके मौलिक अधिकार बाधित हो रहे हैं।
इसके साथ ही याचिका में यह भी कहा गया है कि उन पर लगाये गये आरोपों को बिना गिरफ्तारी के दंड कानूनों द्वारा भी नियंत्रित की जा सकती है और इसलिए उसके खिलाफ लगाये गये निवारक निरोध प्रावधान पूरी तरह से गलत हैं और एक विधानसभा सदस्य को हिरासत में लिया जाना कहीं से भी उचित नहीं माना जा सकता है।
टी राजा की पत्नी ने कोर्ट से कहा कि हिरासत में लेने वाले प्राधिकारी द्वारा उन्हें गुंडा करार दिया जाना और उन्हें भविष्य में खतरनाक गतिविधियों में शामिल होने से रोकने के लिए निवारक निरोध प्रावधान के तहत गिरफ्तार किया जाना पूरी तरह से अतार्किक और गैरकानूनी है।
जेल में बंद आरोपी टी राजा सिंह हिरासत में लेने वाले प्राधिकारी के आरोपों का खंडन करते हैं और और पीडी अधिनियम की धारा 2 (जी) द्वारा उन्हें गुंडा बताते हुए की गई गिरफ्तारी के संबंध में कहना चाहते हैं कि गिरफ्तार करने वाले प्राधिकारी के पास ऐसा कोई सबूत नहीं है कि वो उन्हें गुंडा कह सकें।
उनके गिरफ्तारी के आदेश में लिखा है कि टी राजा सिंह ने समुदाय विशेष के बारे में भड़काऊ भाषण दिए, जिसके लिए आईपीसी में अलग कानून है न कि गिरफ्तारी के लिए उन्हें गुंडा बताना उचित है। इस कारण से उनकी गिरफ्तारी का आदेश रद्द किया जाना चाहिए।
इसके अलावा टी राजा की पत्नी ने कोर्ट से कहा कि निरोध प्राधिकरण बंदियों की उनकी मातृभाषा में गिरफ्तारी के दस्तावेज उपलब्ध कराये जाने चाहिए, जिसमें प्राधिकारी विफल रहे हैं। जब इस संबंध में आपत्ति दर्ज कराई गई तो अधिकारियों ने गलती का एहसास करते हुए उन्हें मातृभाषा में गिरफ्तारी के दस्तावेज दिये गये। इस कारण से भी विधायक टी राजा सिंह की गिरफ्तारी को रद्द करने का आदेश दिया जा सकता है।
मालूम हो कि भाजपा के निलंबित विधायक टी राजा सिंह को तेलंगाना पुलिस ने इसलिए गिरफ्तार किया है क्योंकि उन्होंने गिरफ्तारी से पहले एक वीडियो शेयर करके मुनव्वर फारूकी को चिल्लर कॉमेडियन बताया था। वीडियो में टी राजा सिंह ने कहा था, "क्या हम अपनी गर्दन ऐसी ही कटा दें, हम क्षत्रिय हैं। हम सर काट भी सकते हैं और देश धर्म के लिए सर कटा भी सकते हैं।"