"रेप केस में सजा पाने वाले भाजपा विधायक पर कब होगा बुलडोजर एक्शन?", अखिलेश यादव ने योगी सरकार से किया सवाल
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 17, 2023 09:01 AM2023-12-17T09:01:10+5:302023-12-17T09:04:22+5:30
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के बहुचर्चित बुलडोजर एक्शन को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बेहद गहरा तंज कसा है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के बहुचर्चित बुलडोजर एक्शन को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बेहद गहरा तंज कसा है। सपा चीफ अखिलेश यादव ने सोनभद्र के दुद्धी से भाजपा एमएलए को स्पेशल कोर्ट से रेप केस में हुई सजा का हवाला देते हुए योगी सरकार से सवाल किया है कि योगी प्रशासन कब बलात्कार केस के सजायाफ्ता भाजपा विधायक के घर को बुलडोज करेगी।
समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार सपा प्रमुख ने योगी सरकार पर यह हमला उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में एक विशेष अदालत द्वारा नाबालिग से बलात्कार के मामले में भाजपा विधायक को सजा सुनाए जाने के एक दिन बाद किया है। जिसमें अखिलेश यादव ने पूछा कि क्या भाजपा विधायक रामदुलार गोंड के खिलाफ भी "बुलडोजर कार्रवाई" की जाएगी।
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार से पूछा कि दुद्धी से भाजपा विधायक और बलात्कार के दोषी रामदुलार गोंड पर आखिरकार कब होगा बुलडोजर एक्शन।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, "सोनभद्र के दुद्धी से भाजपा विधायक रामदुलार गोंड को बलात्कार के मामले में 25 साल की कैद और 10 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है फिर भी उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द नहीं की गई है। क्या उन्हें विशेष सम्मान और छूट दी जा रही है क्योंकि वह बीजेपी विधायक हैं? सरकार से जनता पूछ रही है कि आज या कल कब होगी बुलडोजर कार्रवाई?"
मालूम हो कि बीते शुक्रवार को विशेष अदालत ने भाजपा विधायक रामदुलार गोंड को साल 2014 में गांव की एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार के मामले में 25 साल की कठोर जेल की सजा सुनाई। उससे पहले मंगलवार को विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने यौन अपराधों से बच्चे (POCSO) अधिनियम के तहत उन्हें पीड़िता के साथ बलात्कार का दोषी पाया था।
भाजपा विधायक गोंड को सजा सुनाये जाने के बाद से स्पष्ट है कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के नियमों के मुताबिक उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द हो जाएगी। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में कहा गया है कि जिस विधायक को किसीभी मामल में दो साल या अधिक कारावास की सजा सुनाई जाती है, उसकी विधानसभा की सदस्यता सजा सुनाये जाने की तारीख से रद्द हो जाएगी और जेल की सजा काटने के बाद वे छह साल के लिए अयोग्य घोषित हो जाएंगे।