सरकार के दावों पर WhatsApp का पलटवार, कहा- सितंबर में भी भेजा था अलर्ट, शामिल थी 121 भारतीयों के जासूसी की सूचना
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 3, 2019 08:21 AM2019-11-03T08:21:17+5:302019-11-03T08:21:17+5:30
केंद्र सरकार का कहना है कि व्हाट्सएप के शीर्ष अधिकारियों के साथ जून से लेकर सितंबर के बीच हुई कई दौर की बातचीत में कंपनी ने एक बार भी पेगासस हैकिंग मामले का उल्लेख नहीं किया। इस पर व्हाट्सएप ने जवाब दिया है।
भारत सरकार के दावों पर पलटवार करते हुए वाट्सएप ने बताया है कि उसने मई और सितंबर में सरकार को अलर्ट भेजा था। 'द संडे एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक वाट्सएप ने मई के अलावा सितंबर में भी सरकार को एक पत्र भेजा था जिसमें 121 भारतीयों के पेगासस के जरिए जासूसी की बात लिखी थी। इससे पहले केंद्र सरकार ने दावा किया था कि व्हाट्सएप के शीर्ष अधिकारियों के साथ जून से लेकर सितंबर के बीच हुई कई दौर की बातचीत में कंपनी ने एक बार भी पेगासस हैकिंग मामले का उल्लेख नहीं किया।
'द संडे एक्सप्रेस' के मुताबिक आईटी मंत्रालय के नोटिस का जवाब देते हुए फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी वाट्सएप ने मई और सितंबर में सरकार को भेजे गए पत्र की कॉपी भी लगाई है। आईटी मंत्रालय के अधिकारियों ने भी सितंबर में चिट्ठी मिलने की बात स्वीकार की है। हालांकि उनका कहना है कि पत्र में बहुत हल्की-फुल्की भाषा में स्पाइवेयर के जरिए भारतीयों की जासूसी की संभावना जताई गई थी।
व्हाट्सएप ने शुक्रवार को कहा था कि उसने भारतीय अधिकारियों और अंतर्राष्ट्रीय सरकारी अधिकारियों को सुरक्षा से जुड़े मामले के बारे में मई में सूचित किया था। मई में ही हमने सिक्योरिटी मसले को सुलझा लिया और संबंधित भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय सरकारी अधिकारियों को सूचित किया। तभी से हमने टारगेट पर रहने वाले यूजर्स की पहचान शुरू की। कंपनी ने यह भी कहा कि वह अपने भारतीय यूजर्स की गोपनीयता की सुरक्षा के लिये भारत सरकार के साथ काम करना चाहती थी।
फेसबुक की स्वामित्व वाली कंपनी व्हाट्सऐप के दुनिया भर में डेढ़ अरब से अधिक उपयोक्ता हैं। इसमें सिर्फ भारत से ही करीब 40 करोड़ उपयोक्ता हैं। व्हाट्सऐप इससे पहले भी फर्जी खबरों के प्रसार को लेकर सरकार के निशाने पर रह चुकी है। इस बीच व्हाट्सऐप ने शुक्रवार को कहा कि उसने हैकिंग मामले में ठोस कदम उठाया है और वह सभी नागरिकों की निजता की सुरक्षा की जरूरत पर भारत सरकार का समर्थन करती है।
उल्लेखनीय है कि व्हाट्सऐप ने सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की वैश्विक स्तर पर जासूसी किये जाने का बृहस्पतिवार को खुलासा किया था। उसने बताया था कि कुछ भारतीय पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस जासूसी के शिकार हुए हैं। सरकार ने इसके बाद कड़ा रुख अख्तियार करते हुए व्हाट्सऐप से मामले का स्पष्टीकरण देने को कहा। सरकार ने यह भी पूछा कि व्हाट्सऐप ने लोगों की निजता की सुरक्षा के लिये क्या उपाय किये हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा से इनपुट्स लेकर