लाइव न्यूज़ :

WhatsApp विवाद: जासूसी को लेकर इजराइली कंपनी को नोटिस

By संतोष ठाकुर | Updated: November 29, 2019 07:57 IST

इस सवाल के संसद में आने से केवल दो दिन पहले ही क्यों नोटिस दिया गया है, इसके जवाब में एक अधिकारी ने कहा कि जब भी किसी कंपनी या विदेशी संस्था को कोई नोटिस दिया जाता है तो उससे पहले कई तरह के कदम उठाए जाते हैं. कानूनी सलाह भी हासिल की जाती है. उसके उपरांत ही नोटिस दिया जाता है. इसमें समय लगता है.

Open in App
ठळक मुद्दे28 नवंबर पेगासेस जासूसी सॉफटवेयर को लेकर सरकार ने अंतत: इजराइली कंपनी एनएसओ को भी नोटिस भेज दिया है.देश में करीब 121 लोगों के मोबाइल की जासूसी होने की बात सामने आने पर केंद्र सरकार ने व्हाटसएप्प से इसको लेकर जवाब तलब किया था, क्योंकि यह जासूसी उसके ही एप्प पर होने की आशंका जाहिर की गई थी.

28 नवंबर पेगासेस जासूसी सॉफटवेयर को लेकर सरकार ने अंतत: इजराइली कंपनी एनएसओ को भी नोटिस भेज दिया है. देश में करीब 121 लोगों के मोबाइल की जासूसी होने की बात सामने आने पर केंद्र सरकार ने व्हाटसएप्प से इसको लेकर जवाब तलब किया था, क्योंकि यह जासूसी उसके ही एप्प पर होने की आशंका जाहिर की गई थी. उस समय सरकार से विपक्षी दलों ने यह सवाल भी किया था कि जब जासूसी सॉफटवेयर इजराइल की कंपनी का है तो सरकार उससे सवाल करने की जगह व्हाटसएप्प को सवाल भेजकर मामले को क्यों दबा रही है.

26 को नोटिस दिया गया

सूत्रों के मुताबिक पेगासेस को लेकर एनएसओ को 26 नवंबर को नोटिस दिया गया है. उससे इसमें आठ सवाल किए गए हैं. उनसे यह पूछा गया है कि यह सॉफटवेयर कैसे कार्य करता है. इसमें एप्प की कितनी भूमिका होती है.

किस आधार पर जासूसी के लिए लोगों को चुना जाता है. क्या उन्हें इसके लिए किसी खास समूह या वर्ग या संस्था ने सलाह-अनुबंध दिया था. सर्ट-इन को निर्देश सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटर व विभिन्न सरकारी इंटरनेट सेवाओं की निगरानी करने वाली संस्था सर्ट-इन को सरकार ने निर्देश दिया है कि वह व्हाटसएप्प के सुरक्षा फीचर की ऑडिट कर उसे एक रिपोर्ट दे और यह बताए कि विभिन्न सॉफ्टवेयर के हमलों और उसके माध्यम से लेागों की निजी सूचना लीक होने की कितनी आशंका है.

दो दिन पहले ही नोटिस कैसे

इस सवाल के संसद में आने से केवल दो दिन पहले ही क्यों नोटिस दिया गया है, इसके जवाब में एक अधिकारी ने कहा कि जब भी किसी कंपनी या विदेशी संस्था को कोई नोटिस दिया जाता है तो उससे पहले कई तरह के कदम उठाए जाते हैं. कानूनी सलाह भी हासिल की जाती है. उसके उपरांत ही नोटिस दिया जाता है. इसमें समय लगता है.

डाटा संरक्षण विधेयक लाएंगे प्रसाद

नागरिकों के निजता के अधिकार और डाटा की सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज राज्यसभा में कहा कि यदि पड़ोसी देश, आतंकवादी या भ्रष्टाचारी लोग देश को डिजिटल आधार पर तोड़ने की कोशिश करेंगे तो सरकार उनसे कड़ाई से निबटेगी. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही डाटा संरक्षण विधेयक लाएगी.

प्रसाद ने उच्च सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए विभिन्न दलों के सदस्यों द्वारा पूछे गए स्पष्टीकरण के जवाब में यह बात कही. प्रसाद ने कहा कि सरकार डाटा संप्रभुता के मामले में किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगी और अमेरिका सहित किसी भी देश के दबाव में नहीं आएगी.

टॅग्स :व्हाट्सऐपमोदी सरकाररविशंकर प्रसादसोशल मीडिया
Open in App

संबंधित खबरें

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो के उड़ानों के रद्द होने पर राहुल गांधी ने किया रिएक्ट, बोले- "सरकार के एकाधिकार मॉडल का नतीजा"

भारतसंचार साथी ऐप में क्या है खासियत, जिसे हर फोन में डाउनलोड कराना चाहती है सरकार? जानें

ज़रा हटकेWATCH: रसगुल्ले के लिए घमासान, शादी समारोह में दूल्हा-दुल्हन के परिवारों के बीच मारपीट; बोधगया का वीडियो वायरल

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारत"संचार साथी ऐप अनिवार्य नहीं, डिलीट कर सकते हैं लोग", विवाद के बीच बोले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया

भारत अधिक खबरें

भारतगोवा अग्निकांड पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति ने जताया दुख, पीड़ितों के लिए मुआवजे का किया ऐलान

भारतGoa Fire Accident: अरपोरा नाइट क्लब में आग से 23 लोगों की मौत, घटनास्थल पर पहुंचे सीएम सावंत; जांच के दिए आदेश

भारतगोवा के नाइट क्लब में सिलेंडर विस्फोट में रसोई कर्मचारियों और पर्यटकों समेत 23 लोगों की मौत

भारतEPFO Rule: किसी कर्मचारी की 2 पत्नियां, तो किसे मिलेगी पेंशन का पैसा? जानें नियम

भारतरेलवे ने यात्रा नियमों में किया बदलाव, सीनियर सिटीजंस को मिलेगी निचली बर्थ वाली सीटों के सुविधा, जानें कैसे