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पश्चिम बंगाल में राज्यसभा सीटों पर 26 मार्च को मतदान: 4 सीटों पर तृणमूल उम्मीदवार की जीत तय, 5वीं सीट लेगी 'अग्निपरीक्षा', कांग्रेस पर टिका है खेल!

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 27, 2020 05:31 IST

माकपा की पश्चिम बंगाल इकाई सूत्रों के अनुसार पार्टी अपने महासचिव सीताराम येचुरी को राज्य से कांग्रेस की मदद से राज्यसभा भेजने की इच्छुक है. प्रदेश माकपा सूत्रों ने कहा कि येचुरी का 2005 से 2017 तक संसद के ऊपरी सदन के सदस्य के तौर पर शानदार रिकार्ड है और पार्टी उन्हें अगले महीने होने वाले राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाना चाहती है.

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ठळक मुद्देपश्चिम बंगाल में राज्यसभा की 5 सीटों के लिए आगामी 26 मार्च को चुनाव होने हैं माकपा-कांग्रेस या तृणमूल और कांग्रेस के एक संयुक्त उम्मीदवार को पांचवीं सीट जीतनी होगी

पश्चिम बंगाल में राज्यसभा की 5 सीटों के लिए आगामी 26 मार्च को होने वाले चुनाव में पांचवीं सीट राज्य में माकपा-कांग्रेस गठबंधन के लिए एक अग्निपरीक्षा जैसी होने वाली है. वर्तमान राज्य विधानसभा में पार्टियों की सीटों की संख्या को देखते हुए तृणमूल कांग्रेस को राज्यसभा की 4 सीटें मिलेंगी जबकि माकपा-कांग्रेस या तृणमूल और कांग्रेस के एक संयुक्त उम्मीदवार को पांचवीं सीट जीतनी होगी. भाजपा के पास राज्य में चूंकि मात्र 8 विधायक हैं इसलिए वह इस दावेदारी में नहीं है. लोकसभा चुनाव में हार के बाद दोनों पार्टियां राज्य में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ संयुक्त रूप से लड़ रही हैं.

माकपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ''पांचवीं सीट को लेकर प्रश्नचिह्न है. कोई भी या तो तृणमूल और कांग्रेस या माकपा-कांग्रेस के एक संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर जीतेगा. देखते हैं कि क्या होता है, हम अपनी पार्टी के किसी को पश्चिम बंगाल से राज्यसभा भेजने के इच्छुक हैं.'' माकपा नेता ने कहा, ''इससे पहले दो मौकों पर हमने देखा है कि कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों प्रदीप भट्टाचार्या और अभिषेक मनु सिंघवी के चुनावों के दौरान तृणमूल कांग्रेस का समर्थन लिया. इस बार बातचीत जारी है क्योंकि हम पिछले लोकसभा चुनाव के समय से साथ मिलकर लड़ रहे हैं.''

प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व ने 'इंतजार करो और देखो' का रुख अपनाया है और उसने अभी तक कोई भी प्रतिबद्धता नहीं जताई है. प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ''इसको लेकर अंतिम निर्णय अभी किया जाना है कि क्या हम अपना उम्मीदवार खड़ा करेंगे, वाम और तृणमूल कांग्रेस का समर्थन मांगेंगे या माकपा उम्मीदवार का समर्थन करेंगे.

इस संबंध में पार्टी आलाकमान अंतिम निर्णय करेगा.'' तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने कहा कि पार्टी ने पांचवीं सीट के लिए उम्मीदवार खड़ा करने के बारे में अभी निर्णय नहीं किया है. पश्चिम बंगाल से राज्यसभा की जो 5 सीटें खाली हुई हैं उनमें से 4 पर वर्तमान में तृणमूल कांग्रेस के जोगेन चौधरी, मनीष गुप्ता, अहमद हसन इमरान और के. डी. सिंह हैं. पांचवीं सीट पर रीताब्रत बंधोपाध्याय हैं जो पूर्व में 2014 में माकपा उम्मीदवार के तौर पर निर्वाचित हुई थीं लेकिन उन्हें 2017 में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था.

येचुरी के नाम पर माकपा-कांग्रेस के सुर एक जैसे:

माकपा की पश्चिम बंगाल इकाई सूत्रों के अनुसार पार्टी अपने महासचिव सीताराम येचुरी को राज्य से कांग्रेस की मदद से राज्यसभा भेजने की इच्छुक है. प्रदेश माकपा सूत्रों ने कहा कि येचुरी का 2005 से 2017 तक संसद के ऊपरी सदन के सदस्य के तौर पर शानदार रिकार्ड है और पार्टी उन्हें अगले महीने होने वाले राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाना चाहती है.

2017 में उनका नाम पुन: निर्वाचन के लिए सामने आया था. तब भी कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी पश्चिम बंगाल से उनके राज्यसभा के लिए निर्वाचन को समर्थन करने के इच्छुक थे लेकिन माकपा ने ही उक्त पेशकश को पार्टी के उन नियमों का हवाला देते हुए ठुकरा दिया था कि पार्टी का कोई भी सदस्य लगातार तीन बार राज्यसभा के लिए निर्वाचित नहीं हो सकता.

राज्यसभा के लिए लगातार दो से अधिक बार निर्वाचित होने का नियम अब येचुरी पर लागू नहीं होता. सूत्रों ने कहा कि इस संबंध में निर्णय पार्टी की अगली पोलित ब्यूरो बैठक में किया जाएगा. कांग्रेस नेता ने कहा, ''यदि येचुरी उम्मीदवार होते हैं तो हमें नहीं लगता कि जिस तरह की उनकी सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ समझ है उसे देखते हुए कोई समस्या होगी.'

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