वीडियो: चक्रवात ‘मोचा’ की चेतावनी के बाद खाली कराया गया पश्चिम बंगाल का बक्खाली बीच, दीघा में तैनात किए गए 8 टीम-200 बचावकर्मी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 14, 2023 11:52 AM2023-05-14T11:52:40+5:302023-05-14T12:17:51+5:30
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार देर रात कहा कि कॉक्स बाजार में स्थित शिविर चक्रवात ‘मोखा’ के रास्ते में पड़ते हैं और चक्रवात दक्षिणपूर्वी बांग्लादेश और म्यांमा के तटों के नज़दीक है। चक्रवात के दौरान 220 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
कोलकाता: चक्रवाती तूफान (Cyclonic storm) 'मोचा' को एक बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील होते देखते हुए पश्चिम बंगाल (West Bengal) के दक्षिण 24 परगना में सुरक्षा दलों की तैनाती की गई है। ये सुरक्षा दल लगातार जनता और पर्यटकों को सतर्क कर रहे है और उन्हें समुद्र से जाने में रोक रहे है।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की अगर माने तो इस तूफान से निपटने के लिए पश्चिम बंगाल दीघा में 8 टीमों और 200 बचावकर्मियों को तैनात किया गया है। यही नहीं दक्षिण 24 परगना में बक्खली समुद्र को भी खाली कराया गया है और इसे लेकर प्रशासन और सुरक्षा दलों द्वारा लगातार चेतानवी दी जा रही है। इससे जुड़ी कई और ऐहतियात किए गए है।
#WATCH | West Bengal | Civil defence officials urge people to vacate the Bakkhali Sea beach, in the wake of #CycloneMochapic.twitter.com/lCGopamVFk
— ANI (@ANI) May 14, 2023
चक्रवात ‘मोचा’ को लेकर सीएम ममता ने क्या कहा है
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चक्रवात ‘मोचा’ को लेकर लोगों को आश्वासन दिया कि आवश्यक एहतियाती कदम उठाए गए हैं और घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि चक्रवात के राज्य में आने का अनुमान नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘चक्रवात से घबराने की कोई बात नहीं है... हो सकता है कि यह पश्चिम बंगाल में दस्तक नहीं दे। लेकिन राज्य के तटीय इलाकों को सतर्क रहने को कहा गया है। एहतियात के तौर पर 10 और 11 मई को सुंदरबन और दीघा में अलर्ट जारी किया गया है।’’
अलीपुर मौसम विभाग ने कहा है कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने कम दबाव के क्षेत्र का राज्य पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। बनर्जी ने कहा, ‘‘11 मई को चक्रवात मोचा बांग्लादेश-म्यांमा तट की ओर बढ़ेगा। हालांकि, राज्य के लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, हमने सचिवालय के साथ-साथ कई जिलों में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं।’’ उन्होंने कहा कि चक्रवात की तैयारियों पर चर्चा के लिए एक बैठक भी हुई। मछुआरों को भी समुद्र में न जाने को कहा गया है।
बांग्लादेश, म्यांमार ने चक्रवात ‘मोखा’ के मद्देनजर की है तैयारियां
बता दें कि बांग्लादेश और म्यांमा के तटीय क्षेत्रों में रविवार को बेहद गंभीर चक्रवात दस्तक दे सकता है। इसके मद्देनजर दोनों देशों के अधिकारियों ने हजारों लोगों से कहा है कि वे सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और सहायता कार्यकर्ताओं ने कई टन सूखा खाद्य की व्यवस्था की है और बांग्लादेश के शरणार्थी शिविर में दर्जनों एंबुलेंस और मोबाइल मेडिकल दलों को तैनात कर दिया है। इस शरणार्थी शिविर में 10 लाख से ज्यादा रोहिंग्या रहते हैं जो म्यांमा में अत्याचार से भागकर आए हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार देर रात कहा कि कॉक्स बाजार में स्थित शिविर चक्रवात ‘मोखा’ के रास्ते में पड़ते हैं और चक्रवात दक्षिणपूर्वी बांग्लादेश और म्यांमा के तटों के नज़दीक है। चक्रवात के दौरान 220 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। बांग्लादेश में कॉक्स बाजार और म्यांमा में क्यौकप्यू के बीच इसके दस्तक देने की संभावना है। बांग्लादेश ने 1500 से ज्यादा चक्रवात शिविर तैयार किए हैं।
नौसेना ने कहा कि उसने अपने 21 पोत, समुद्री गश्ती विमान और हेलीकॉप्टर को बचाव एवं राहत अभियानों के लिए तैयार रखा है। म्यांमा में शुक्रवार से ही बारिश हो रही है और तेज़ हवाएं चल रही हैं। ‘मीइत्तर याउंग ची चैरिटी फाउंडेशन’ के प्रमुख लिन लिन ने कहा कि रखाइन प्रांत में सितवे के आसपास के गांवों के दस हजार से ज्यादा लोगों ने मठों, मंदिरों और स्कूलों समेत मजबूत इमारतों में शरण ली है। उन्होंने कहा, “सितवे में लोगों के रहने के लिए करीब 20 स्थानों की व्यवस्था की गई है। हमारी अपेक्षा से अधिक संख्या में लोग आ गए हैं, इस वजह से हमारे पास अगले दिन के लिए पर्याप्त भोजन नहीं है। हम इसे हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।”
भाषा इनपुट के साथ