दिल्ली में भारी बारिश से जलभराव, 19 वर्ष बाद सितंबर में सबसे अधिक वर्षा

By भाषा | Published: September 1, 2021 04:13 PM2021-09-01T16:13:27+5:302021-09-01T16:13:27+5:30

Waterlogging due to heavy rains in Delhi, highest rainfall in September after 19 years | दिल्ली में भारी बारिश से जलभराव, 19 वर्ष बाद सितंबर में सबसे अधिक वर्षा

दिल्ली में भारी बारिश से जलभराव, 19 वर्ष बाद सितंबर में सबसे अधिक वर्षा

दिल्ली में बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 24 घंटों में 112.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी जो 19 वर्षों में सितंबर में एक दिन में हुई सबसे अधिक वर्षा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी। राजधानी में 13 सितंबर 2002 को 126.8 मिमी बारिश हुई थी। अब तक इस महीने में सबसे अधिक 172.6 मिमी बारिश 16 सितंबर 1963 को हुई थी। भारी बारिश से चाणक्यपुरी में दूतावास के इलाकों समेत कई क्षेत्र जलमग्न हो गए और वहां घुटनों तक पानी भर गया तथा शहर के कई हिस्सों में यातायात बाधित हुआ। शहर में सुबह साढ़े आठ बजे से महज तीन घंटों में 75.6 मिमी बारिश हुई। आईएमडी के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में हर साल सितंबर में औसतन 125.1 मिमी बारिश होती है। इसका मतलब है कि दिल्ली में इस महीने के पहले दिन ही, पूरे महीने की बारिश हो गई। यह पूछे जाने पर कि क्या आईएमडी ने मंगलवार को सुबह साढ़े आठ बजे से 187.1 मिमी जितनी बारिश का अनुमान जताया था, एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली जैसे छोटे क्षेत्र के लिए दो से तीन दिन पहले ‘‘सटीक अनुमान’’ लगाना मुश्किल है। उन्होंने कहा, ‘‘हरियाणा और पंजाब जैसे बड़े इलाकों के लिए अनुमान जताया जाता है। यह दुनियाभर में लागू होता है।’’ निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ‘स्काईमेट वेदर’ के उपाध्यक्ष महेश पालावत ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून की प्रवृत्ति बदल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले चार से पांच साल में बारिश के दिनों की संख्या कम हो गयी है और खराब मौसम की घटनाओं में वृद्धि हुई है। हम बारिश के छोटे और तीव्र दौर की रिकॉर्डिंग करते रहे हैं, कई बार सिर्फ 24 घंटों में करीब 100 मिमी बारिश होती है। पहले इतनी बारिश 10 से 15 दिनों में होती थी।’’ आईएमडी के अधिकारियों ने बताया कि सफदरजंग वेधशाला में बुधवार को सुबह साढ़े आठ बजे तक, बीते 24 घंटों में 112.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई जो 19 वर्षों में सितंबर में एक दिन में सर्वाधिक बारिश है। लोधी रोड, रिज, पालम तथा आयानगर वेधशालाओं ने सुबह साढ़े आठ बजे तक, बीते 24 घंटों में क्रमश: 120.2 मिमी, 81.6 मिमी, 71.1 मिमी और 68.2 मिमी बारिश दर्ज की। उन्होंने बताया कि साढ़े आठ बजे से पालम, लोधी रोड, रिज और आयानगर में क्रमश: 78.2 मिमी, 75.4 मिमी, 50 मिमी और 44.8 मिमी बारिश दर्ज की। दिल्ली में मंगलवार को सुबह साढ़े आठ बजे से दोपहर ढाई बजे तक महज छह घंटों में 84 मिमी बारिश हुई जिससे सड़कों पर जलभराव हो गया और आईटीओ, आईपी एस्टेट पुल के पास रिंग रोड, धौला कुआं और रोहतक रोड पर भारी जाम लग गया। आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा, ‘बारिश में कमी आएगी। सात सितंबर से बारिश का एक और दौर शुरू होने की संभावना है।’’ सितंबर के लिए अपने पूर्वानुमान में आईएमडी ने कहा, ‘‘उत्तरपश्चिम के कई इलाकों में सामान्य से लेकर सामान्य से कम बारिश की संभावना है।’’ दिल्ली यातायात पुलिस ने भारी जलभराव के कारण मदर टेरेसा क्रीसेंट मार्ग, मायापुरी चौक, घिटोरनी मेट्रो स्टेशन से एमजी रोड और अधचिनी से किशनगढ़ की तरफ यातायात जाम रहने को लेकर परामर्श जारी किया है। मौसम विशेषज्ञों ने कहा कि तेज बारिश से भूजल स्तर बढ़ने में मदद नहीं मिलती और इससे निचले इलाकों में जलभराव हो जाता है। पालावत ने कहा कि अगर चार से पांच दिनों तक धीमी-धीमी बारिश होती है तो पानी रिसकर जमीन तक पहुंचता है। भारी बारिश होने पर, पानी तेजी से बह जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘बारिश से प्रदूषण दूर हो जाता है लेकिन बारिश के दिनों की संख्या कम होने से औसत वार्षिक वायु गुणवत्ता पर भी असर पड़ रहा है।

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Web Title: Waterlogging due to heavy rains in Delhi, highest rainfall in September after 19 years

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