सरकार ने प्राकृतिक संसाधन के संरक्षण के तरीकों की योजना बनाने के लिए देश में जल संकट का सामना कर रहे जिलों के प्रभारी के रूप में अतिरिक्त और संयुक्त सचिवों समेत 255 वरिष्ठ नौकरशाहों की नियुक्ति की है।
कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि उन्हें ‘जल शक्ति अभियान ’(जेएसए) के समन्वय के लिए 255 जल संकट का सामना कर रहे जिलों के ‘‘केंद्रीय प्रभारी अधिकारियों’’ के रूप में नियुक्त किया गया है। बयान में कहा गया है कि ये अधिकारी राज्य और जिला टीमों के अलावा निदेशक या उप सचिव स्तर, भूजल वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के केन्द्रीय सरकारी अधिकारियों की एक टीम के साथ काम करेंगे।
मंत्रालय ने कहा कि ये टीम पहचान किए गए ब्लॉकों और जिलों का दौरा करेंगी और विभिन्न जल संचयन और संरक्षण उपायों के कार्यान्वयन का समन्वय करेंगी। जल शक्ति अभियान की शुरुआत एक जुलाई से होगी जो 15 सितम्बर तक चलेगा और चुनिन्दा राज्यों के लिए नवम्बर तक यह अभियान चलेगा।
सरकार ने 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 255 जिलों की पहचान की है। इसमें 1,593 जल संकट वाले ब्लॉक स्थापित किए गये हैं।
तमिलनाडु जल संकट: पांचवें जलाशय के निर्माण का काम पूरा होने के निकट
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने बुधवार को कहा कि राज्य में पांचवें जलाशय के निर्माण का काम जल्द ही पूरा हो जायेगा और इससे चेन्नई वासियों की प्यास बुझाने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने यह टिप्पणी लोक निर्माण विभाग के द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों की समीक्षा बैठक में की।
इसमें तिरुवल्लुवर जिले में बन रहे जलाशय का काम भी शामिल था। मुख्यमंत्री के पास इस विभाग का प्रभार भी है। उन्होंने कहा कि नए बांध का निर्माण कार्य 95 फीसदी पूरा हो गया है और शेष कार्य दो महीने में पूरा हो जायेगा। सरकार आने वाले मानसून में पानी को एकत्र करने के लिए कदम उठायेगी और लोगों के लिये जल की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करेगी।