‘अंग्रेजों ने बांटो और राज करो का रास्ता चुना’, लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा-आजादी की लड़ाई, मातृभूमि को मुक्त कराने की जंग थी, वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Updated: December 8, 2025 12:42 IST2025-12-08T12:40:47+5:302025-12-08T12:42:17+5:30
वंदे मातरम्, सिर्फ राजनीतिक लड़ाई का मंत्र नहीं था। सिर्फ अंग्रेज जाएं और हम अपनी राह पर खड़े हो जाएं, वंदे मातरम् सिर्फ यहां तक सीमित नहीं था। आजादी की लड़ाई, इस मातृभूमि को मुक्त कराने की जंग थी। मां भारती को उन बेड़ियों से मुक्त कराने की एक पवित्र जंग थी।

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नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वंदे मातरम की रचना के 150 वर्ष पूरा होने पर लोकसभा में विशेष चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि वंदे मातरम का स्मरण करना हम सबके लिए सौभाग्य की बात है, हम ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं। वंदे मातरम्, सिर्फ राजनीतिक लड़ाई का मंत्र नहीं था। सिर्फ अंग्रेज जाएं और हम अपनी राह पर खड़े हो जाएं, वंदे मातरम् सिर्फ यहां तक सीमित नहीं था। आजादी की लड़ाई, इस मातृभूमि को मुक्त कराने की जंग थी। मां भारती को उन बेड़ियों से मुक्त कराने की एक पवित्र जंग थी। 150 वर्ष उस महान अध्याय और उस गौरव को पुनः स्थापित करने का अवसर हैं।
LIVE: PM Shri @narendramodi's reply in the Lok Sabha during special discussion on 150 years of Vande Mataram. #VandeMataram150https://t.co/wqP5nR5VdZ
— BJP (@BJP4India) December 8, 2025
The nation is also celebrating the 150th birth anniversaries of Sardar Vallabhbhai Patel and Bhagwan Birsa Munda. We have commemorated the 350th martyrdom day of Guru Tegh Bahadur.
— BJP (@BJP4India) December 8, 2025
And today we are celebrating 150 years of Vande Mataram.
- PM @narendramodi#VandeMataram150…
मेरा मानना है कि देश और सदन, दोनों को इस अवसर को जाने नहीं देना चाहिए। यही वंदे मातरम् है, जिसने 1947 में देश को आजादी दिलाई। आज जब मैं वंदे मातरम् 150 निमित्त चर्चा आरंभ करने के लिए खड़ा हुआ हूं, यहां कोई पक्ष–प्रतिपक्ष नहीं है। क्योंकि हम सब जो यहां बैठे हैं, हमारे लिए यह ऋण स्वीकार करने का अवसर है।
वह ऋण, जिसे निभाते हुए लाखों लोगों ने वंदे मातरम् के मंत्र के साथ आजादी का आंदोलन चलाया, और उसी का परिणाम है कि आज हम सब यहां बैठे हैं। इसलिए हम सभी सांसदों के लिए वंदे मातरम् का यह ऋण स्वीकार करने का अवसर है। वंदे मातरम् की 150 वर्ष की यात्रा अनेक पड़ावों से गुजरी है, लेकिन जब वंदे मातरम् के 50 वर्ष हुए, तब देश गुलामी में जीने के लिए मजबूर था।
जब वंदे मातरम् के 100 वर्ष हुए, तब देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, और जब वंदे मातरम् का अत्यंत उत्तम पर्व होना चाहिए था, तब भारत के संविधान का गला घोंट दिया गया था। जब वंदे मातरम् के 100 वर्ष हुए, तब देशभक्ति के लिए जीने-मरने वाले लोगों को जेल की सलाखों के पीछे बंद कर दिया गया था।
जिस वंदे मातरम् के गीत ने देश को आजादी की ऊर्जा दी थी, उसके 100 वर्ष पूरे होने पर हमारे इतिहास का एक काला कालखंड दुर्भाग्य से उजागर हो गया। जब वंदे मातरम के 100 साल हुए थे तब देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, भारत के संविधान का गला घोंट दिया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय गीत की रचना के 150 साल पूरे हुए, यह पुराने गौरव को पुन:स्थापित करने का समय है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वंदे मातरम स्वतंत्रता आंदोलन का स्वर बन गया था, हर भारतीय का संकल्प बन गया था।