यहां दुल्हन के 'वर्जिनिटी टेस्ट' के लिए लगती है पंचायत, सोशल मीडिया पर हो रहा विरोध

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: December 19, 2017 05:32 PM2017-12-19T17:32:05+5:302017-12-20T10:06:02+5:30

इस परंपरा को मानने से इनकार करने वाले जोड़े को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया था।

Virginity test ritual against campaign on social media | यहां दुल्हन के 'वर्जिनिटी टेस्ट' के लिए लगती है पंचायत, सोशल मीडिया पर हो रहा विरोध

Virginity test ritual

आज हम ऐसे युग में हैं जहां कहा जाता है कि महिला और पुरुष एक समान हैं। इनमें किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं किया जाता है, लेकिन यह सिर्फ एक किताबी ज्ञान है। जमीनी हकीकत में ऐसा कुछ भी नहीं है। आज भी इस समाज में महिलाओं को कदम-कदम पर अपनी पवित्रता का सबूत देना पड़ता है। ऐसा ही कट्टर समाज है पुणे के कंजारभाट। यहां आज भी एक ऐसी  रूढ़िवादी परंपरा को निभाया जाता है। जहां महिलाओं को शादी के बाद  'वर्जिनिटी टेस्ट' से गुजरना पड़ता है। इस 'वर्जिनिटी टेस्ट' से अगर शादीशुदा जोड़ा इनकार करता है तो उसका समाज से बहिष्कार कर दिया जाता है। 

कई बार इस परंपरा की वजह से महिलाओं की शादी भी टूट चुकी है।

पुणे मिरर के अनुसार इस परंपरा के तहत सुहागरात के समय पंचायत के लोग  शादीशुदा जोड़े के बेडरूम के बाहर पंचायत लगाकर बैठ जाते हैं।  बिस्तर पर सफेद चादर बिछा दी जाती है और अगली सुबह अगर चादर पर 'खून' दिखा तो ठीक नहीं तो फिर दुल्हन पर कई तरह के आरोप लगाए हैं। कई बार इसकी वजह से महिलाओं की शादी भी टूट चुकी है। इस परंपरा से गांव के कई परिवार मुश्किल में रहते हैं। 

इस परंपरा का विरोध कर रहे कृष्णा इंद्रेकर और अरुणा इंद्रेकर वॉट्सऐप पर एक अभियान चला रहे हैं। इस अभियान के तहत उन्होंने वॉट्सऐप पर Stop the VRitual नाम से एक ग्रुप बनाया है। इस ग्रुप में फिलहाल 40 लोग हैं। 

इस कपल को किया गया था समाज से बहिष्कार

बतादें कि 1996 में कृष्णा इंद्रेकर और अरुणा इंद्रेकर ने शादी की थी। बाद में उन्होंने पंचायत की इस  परंपरा को मानने से इनकार कर दिया था। इसके बाद पंचायत ने उन्हें  समाज से बहिष्कार कर दिया गया था। जिसके बाद ही उन्होंने समाज के लोगों को सोशल मीडिया पर जागरुक करने का अभियान चलाया है। 

मध्यप्रदेश में भी इसके खिलाफ चला था आंदोलन

मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में शादी से पहले लड़कियों का वर्जिनिटी टेस्ट कराया जाता था। यहां 2009 में वाम नेता ने इसके खिलाफ आंदोलन भी चलाया था। बतादें कि यहां एक सामूहिक शादी में लड़कियों का वर्जिनिटी टेस्ट कराया गया था। जिसमें 150 लड़कियां गर्भवती पाई गईं थी। 

विदेशों में भी है यह परंपरा

इंडोनेशिया पुलिस अभी भी नौकरी पर रखते समय वर्जिनिटी टेस्‍ट के लिए महिला उम्‍मीदवारों का टू फिंगर टेस्‍ट कर रही है। जबकि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन इस टेस्‍ट को गैर जरूरी करार दिया था। अंतरराष्‍ट्रीय मानव अधिकार समूह ने भी इसे अवैज्ञानिक बताया था। इसके अलावा मिस्त्र में भी जेल में बंद महिलाओं कौमार्य परीक्षण किया जाता था। हालांकि इस पर वहां की सरकार ने बैन लगा दिया है।  

Web Title: Virginity test ritual against campaign on social media

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