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विजयन ने विकास के लिए के-रेल परियोजना को बताया अनिवार्य, यूडीएफ ने सदन से किया बर्हिगमन

By भाषा | Updated: October 13, 2021 16:01 IST

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तिरुनवनंतपुरम, 13 अक्टूबर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने प्रस्तावित सेमी-हाईस्पीड रेल परियोजना को लेकर विपक्षी यूडीएफ (संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा) द्वारा जताई गई चिंता को बुधवार को सिरे से खारिज कर दिया।

उन्होंने कहा कि राज्य में अवसंरचना विकास के लिए 63 हजार करोड़ रुपए की परियोजना राज्य के लिए अनिवार्य है और उनकी सरकार इस संबंध में पारदर्शी तरीके से कार्य कर रही है।

कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने विधानसभा में के-रेल नाम से प्रस्तावित इस विशाल परियोजना का विरोध किया और कहा कि इससे राज्य पर भारी बोझ पड़ेगा और पर्यावरण को भारी नुकसान होगा एवं इससे आम जनता को लाभ नहीं होगा।

विपक्षी गठबंधन यूडीएफ के सदस्यों ने कहा कि परियोजना के लिए 20 हजार परिवारों को विस्थापित करना होगा और इसे लागू करने के लिए एक लाख 24 हजार करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि की जरूरत होगी।

विपक्षी सदस्यों ने सदन में शून्य काल के दौरान इस मामले पर स्थगन प्रस्ताव के लिए एक नोटिस पेश किया और सभी पूर्वनिर्धारित कार्यों को रोककर इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए तुरंत चर्चा की मांग की।

हालांकि, विजयन ने अपने विस्तृत जवाब में सेमी-हाईस्पीड रेल परियोजनाओं के विभिन्न लाभों का उल्लेख किया। प्रस्ताव के मुताबिक, तिरुवनंतपुरम से कासरगोड तक हाई-स्पीड रेल की स्थापना की जानी है ताकि राज्य के राजमार्गों पर से दबाव कम किया जा सके और हादसे रोके जा सके।

उन्होंने कहा कि इस परियोजना को लेकर कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनकी सरकार इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण से लेकर हवाई सर्वेक्षण तक के कार्य के लिए उच्च प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रही है।

विजयन ने कहा कि के-रेल परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहित किए जाने पर प्रभावित लोगों को आकर्षक मुआवजा दिया जाएगा और यह ग्रामीण क्षेत्र में जमीन की कीमत से चार गुना और शहरी इलाकों में दो गुना अधिक होगा।

उन्होंने विधानसभा में कहा, ‘‘देश में रेल की प्रगति धीमी गति से हो रही है। मौजूदा समय में राज्य के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने में 16 घंटे तक का समय लग जाता है। इसे बदलने की जरूरत है...सबसे बढ़िया उपाय सेमी-हाईस्पीड रेल है।’’

मुख्यमंत्री ने परियोजना से अर्थव्यवस्था बर्बाद होने के विपक्ष के आरोपों को ‘‘निराधार’’ करार दिया और कहा कि दुनिया की कोई सरकार नहीं है जो आधारभूत अवसंरचना परियोजना के लिए कर्ज नहीं लेती।

उन्होंने कहा कि परियोजना से राज्य में केवल 9,314 इमारतें ही प्रभावित होंगी। परियोजना से पर्यावरण के नुकसान के सवाल पर कहा कि इसका रास्ता ऐसे तय किया गया है ताकि पश्चिमी घाट और इसी तरह से पारिस्थितिकी रूप से संवेदनशील इलाके रास्ते में नहीं आए।

विपक्ष पर निशाना साधते हुए विजयन ने कहा कि यूडीएफ की पूर्ववर्ती सरकार ने हाई स्पीड रेल परियोजना की योजना बनाई थी जो केरल जैसे राज्यों के लिए व्यवहारिक नहीं है।

इससे पहल सदन में आईयूएमएल के एम के मुनीर ने स्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि विपक्ष परियोजना को लेकर आम जनता की चिंता को साझा कर रहा है। राज्य की वाम सरकार और मुख्यमंत्री पर हमला करते हुए नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीशन ने कहा कि के-रेल परियोजना विकास के नाम पर ‘विध्वंसकारी’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘परियोजना के लिए किया गया हवाई सर्वेक्षण सटीक नहीं है। पर्यावरण और सामाजिक प्रभाव विस्तृत संबंधी अध्ययन अब तक नहीं किया गया है। विजयन की वैकल्पिक परियोजना पर चर्चा की अनिच्छा अस्वीकार्य है।’’

बाद में यूडीएफ के सदस्यों ने विजयन के जवाब के बाद विधानसभा अध्यक्ष एम बी राजेश द्वारा स्थगन प्रस्ताव खारिज किए जाने के विरोध में सदन से बर्हिगमन किया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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