विजय लक्ष्मी पंडित जंयती: जवाहरलाल नेहरू की बहन जिन्होंने किया था इंदिरा गांधी के आपातकाल का विरोध
By पल्लवी कुमारी | Published: August 18, 2018 07:29 AM2018-08-18T07:29:18+5:302018-08-18T07:29:18+5:30
विजय लक्ष्मी पंडित संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली की अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला थीं।
विजय लक्ष्मी पंडित का जन्म भारत के प्रतिष्टित राजनीतिक परिवार में हुआ था। विजय लक्ष्मी पंडित का जन्म 18 अगस्त 1900 को मोतीलाल नेहरू की बेटी के रूप में हुआ। आज विजय लक्ष्मी पंडित की जयंती है। आइए जानते हैं 12 बिंदुओं में जानते हैं उनके जीवन और कर्म के बारे में। विजय लक्ष्मी पंडित का एक दिसंबर 1970 को देहरादून में 90 वर्ष की उम्र में देहांत हो गया।
1- विजय लक्ष्मी पंडित का असली नाम स्वरूप कुमारी नेहरू था।
2- उनके पिता मोतीलाल नेहरू स्वतंत्रता सेनानी और जानेमाने वकील थे। उनके बड़े भाई जवाहरलाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री थे।
3- 1921 में रंजीत सीताराम पंडित से शादी के बाद उनका नाम बदलकर विजय लक्ष्मी पंडित हो गया।
4- भारत को आजादी मिलने के बाद विजय लक्ष्मी पंडित संयुक्त राष्ट्र में भारतीय प्रतिनिधि मंडल की सदस्य नियुक्त हुईं।
5- विजय लक्ष्मी पंडित रूस और ब्रिटेन जैसे देशों में भारत की राजदूत रहीं।
6- 1953 में वो संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली की अध्यक्ष बनीं। इस पद को सुशोभित करने वाली वो पहली महिला थीं।
7- विजय लक्ष्मी पंडित 1962 से 1964 तक महाराष्ट्र की राज्यपाल रहीं।
8- 1964 में जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद खाली हुई यूपी की फूलपुर लोक सभा सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुँचीं।
9- 1975 में अपनी भतीजी इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल का मुखर विरोध किया। इस वजह से इंदिरा से उनके रिश्ते हमेशा के लिए तल्ख हो गये।
10- विजय लक्ष्मी पंडित ने 1977 में अपने पिता और भाई की पार्टी रही कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया।
12- द इवल्यूशन ऑफ इंडिया (1958) और द स्कोप ऑफ हैप्पीनेस: अ पर्सनल मेमयॉर (1979) उनकी प्रसिद्ध किताबें हैं।
12- विजय लक्ष्मी पंडित की तीन बेटियाँ हैं। उनकी बेटी नयनतारा सहगल प्रसिद्ध लेखिका हैं।