विधानसभा चुनावः मतगणना के दौरान अब नहीं होगी Jio से वेब कास्टिंग, कांग्रेस की आपत्ति के बाद लिया फैसला
By शिवअनुराग पटैरया | Published: December 10, 2018 10:02 AM2018-12-10T10:02:23+5:302018-12-10T10:02:23+5:30
कांग्रेस इस आपत्ति के बाद मुख्य चुनाव पदाधिकारी ने बेरात फ़ैसला लिया कि मध्य प्रदेश के चुनाव में मतगणना के दौरान न तो कोई भी प्लास्टिक की जाएगी न ही मतगणना स्थल पर वाई-फाई का उपयोग किया जाएगा।
कांग्रेस के द्वारा मध्य प्रदेश में चुनाव की मतगणना के दौरान जियो के नेटवर्क से वेब कास्टिंग करने के मामले में आपत्ति उठाए जाने के बाद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने फ़ैसला लिया है कि अब मतगणना के दौरान सिर्फ़ पर CCTV का उपयोग हाेगा। इसके साथ ही मतगणना स्थल पर बाई फ़ाई का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा।
कल देर रात कांग्रेस ने मुख्य चुनाव पदाधिकारी वी एल कांता राव को ज्ञापन देकर कहा था कि उन्हें जियो के नेटवर्क के द्वारा वेब कास्टिंग किए जाने पर आपत्ति है। कांग्रेस ने ज्ञापन देकर कहा था कि जिओ कंपनी का नेट पर उपयोग करने वाले कर्मचारी जिस तरह के उपकरण लेकर घूम रहे हैं उससे लगता है कि कहीं न कहीं गड़बड़ हो सकती है।
प्रदेश कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल नेमुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मुलाकात कर मतगणना स्थल पर जियो नेटवर्क के स्थान पर भारत सरकार के बीएसएनएल नेटवर्क का ही बेवकास्टिंग एवं सीसीटीवी कैमरों के कार्य में उपयोग करने की मांग की थी।
प्रदेश कांगे्रस द्वारा चुनाव आयोग को प्रेषित पत्र में लिखा गया था कि प्रदेश में संपन्न विधानसभा चुनाव के मतदान की मतगणना आगामी 11 दिसम्बर को प्रत्येक जिले के जिला मुख्यालयों पर की जाना है। मतदान के बाद से ही सभी ईवीएम मशीनें प्रदेश के निर्धारित स्ट्रांग रूम में रखी गई हैं।
जहां पर चुनाव आयोग के निर्देशानुसार व्यवस्था की गई है लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी एवं उनके प्रतिनिधि जो ईवीएम मशीनों की निगरानी की दृष्टि से स्ट्रांग रूम के पास तैनात है, उनके द्वारा बार-बार शिकायत की जा रही है कि बिजली गुल होने के नाम पर ईवीएम मशीनों के साथ छेड़छाड़ होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि बार-बार बिजली गुल होने पर कैमरे बंद हो जाते हैं तथा यह स्थिति कई स्थानों पर घंटों बनी रहती है जिसकी शिकायत चुनाव आयोग के समक्ष की जाती रही हैं।
ज्ञापन में लिखा गया है कि मतगणना स्थल पर बेवकास्टिंग/ सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से निगरानी की जावेगी और उक्त कार्य हेतु जियो कंपनी के इंस्टूमेंट प्रयोग में लाये जा रहे हैं तथा जियो कंपनी के माध्यम से मतगणना दिवस को अनुचित स्थिति निर्मित होने की संभावना है, जिसमें कि ईवीएम मशीनों की हैकिंग भी शामिल है। जियो कंपनी के कर्मचारी विभिन्न तरह के इंस्टूमेंट लेकर ईवीएम मशीनों के आसपास घूम रहे हैं तथा वाईफाई आदि लगाने का कार्य कर रहे हैं। मतगणना स्थल पर बेवकास्टिंग/ सीसीटीवी कैमरे लगाने के संबंध में जानकारी प्राप्त हो रही है कि निजी संस्था द्वारा डोमन रजिस्ट्रर्ड कराया गया है जिसके माध्यम से बेवकास्टिंग की जावेगी तब यह निश्चित जानकारी नहीं दी जा रही है कि उक्त प्रक्रिया निर्वाचन आयोग के प्लेटफार्म पर की जायेगी या किसी अन्य प्लेटफार्म पर भी निर्मित रहेगी तथा ऐसी स्थिति में बेवकास्टिंग डाटा की फर्जिंग भी की जा सकती है जो निश्चित रूप से मतगणना की सत्यता को प्रभावित कर सकती है।
चुनाव आयोग को भेजे गयेज्ञापन में यह भी लिखा है कि मतगणना स्थल पर बेवकास्टिंग/ सीसीटीवी कैमरे के नाम पर संघवी इन्फोटेक के इंजीनियर स्ट्रांग रूम के पास ही कार्य करते देखे गये हैं, जबकि उक्त कार्य मतगणना स्थल पर होना चाहिए न कि स्ट्रांग रूम के पास। उक्त कार्य के नियोजन में नियुक्त व्यक्ति भी संदेहास्पद स्थिति में प्रतीत होते हैं। इसलिए इन्हें लेपटाप एवं अन्य डिवाईस लेकर मतगणना परिसर में प्रवेश न दिया जाये। मतगणना स्थल पर बेवकास्टिंग/ सीसीटीवी कैमरे का कार्य करने वाले इंजीनियरर्स द्वारा यह जानकारी दी गई है कि वे जियो नेटवर्क पर ही सिस्टम इंटीग्रेशन का कार्य करेंगे जो कि आपत्तिजनक है।
कांग्रेस इस आपत्ति के बाद मुख्य चुनाव पदाधिकारी ने बेरात फ़ैसला लिया कि मध्य प्रदेश के चुनाव में मतगणना के दौरान न तो कोई भी प्लास्टिक की जाएगी न ही मतगणना स्थल पर वाई-फाई का उपयोग किया जाएगा।