VIDEO: यूपीएससी कोच शुभ्रा रंजन ने की भगवान राम की मुगल बादशाह अकबर से तुलना, बाद में मांगी माफी
By रुस्तम राणा | Updated: July 28, 2024 16:12 IST2024-07-28T16:12:57+5:302024-07-28T16:12:57+5:30
वीडियो में IAS कोच शिक्षिका शुभ्रा रंजन ने कहा कि राम "असीमित शक्ति नहीं दिखाते हैं", जिसके बाद नेटिज़न्स ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और शैक्षणिक सामग्री में ऐतिहासिक और धार्मिक व्यक्तियों के चित्रण पर सवाल उठाए।

VIDEO: यूपीएससी कोच शुभ्रा रंजन ने की भगवान राम की मुगल बादशाह अकबर से तुलना, बाद में मांगी माफी
नई दिल्ली: सिविल सेवा की तैयारी कराने वाली शिक्षिका शुभ्रा रंजन ने मुगल सम्राट अकबर की तुलना भगवान राम से करने वाले अपने ट्यूटोरियल वीडियो के वायरल होने के बाद विवाद खड़ा कर दिया। वीडियो में रंजन ने कहा कि राम "असीमित शक्ति नहीं दिखाते हैं", जिसके बाद नेटिज़न्स ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और शैक्षणिक सामग्री में ऐतिहासिक और धार्मिक व्यक्तियों के चित्रण पर सवाल उठाए।
शनिवार को रंजन ने माफ़ी मांगते हुए कहा कि उनका इरादा भावनाओं को ठेस पहुँचाने का नहीं था। उन्होंने कहा, "मेरा इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का नहीं था। अगर ऐसा हुआ है, तो मैं माफ़ी मांगती हूँ।" उल्लेखनीय है कि व्याख्यान का केवल एक हिस्सा ही सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जा रहा है। शुभ्रा रंजन ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि जिस वीडियो पर चर्चा हो रही है, वह व्यापक कक्षा चर्चा का एक छोटा सा हिस्सा मात्र है।
उन्होंने कहा, "आप पूरा वीडियो व्याख्यान देखकर समझ सकते हैं कि मेरा आशय यह बताना था कि प्रभु श्री राम का राज्य एक आदर्श राज्य था।" उन्होंने स्पष्ट किया कि यह चर्चा एक तुलनात्मक अध्ययन का हिस्सा थी और उन्होंने किसी भी अनजाने गलत अर्थ के लिए खेद व्यक्त किया।
— Shubhra Ranjan IAS Study. (@ShubhraRanjan) July 27, 2024
वायरल वीडियो में शुभ्रा रंजन ने क्या कहा?
प्रभु राम के संदर्भ में, यूपीएससी सीएसई कोच शुभ्रा रंजन ने कहा कि हिंदू देवता की “शक्ति रीति-रिवाजों और परंपराओं द्वारा सीमित है”। रंजन सम्राट अकबर पर चर्चा करते हुए अपने छात्रों से पूछते हैं कि ‘किसकी शक्ति परंपरा से कम बंधी या सीमित है?’ वह सवाल का जवाब “अकबर” देती हैं।
रंजन आगे बताते हैं कि अकबर अपना खुद का धर्म और अपनी ‘नैतिकता’ स्थापित करना चाहता था। रंजन मुगल बादशाह अकबर द्वारा 1582 में प्रतिपादित समन्वयवादी धर्म या आध्यात्मिक कार्यक्रम- ‘दीन-ए-इलाही’ की ओर इशारा करते हैं। रंजन फिर कहती हैं, "राम नैतिकता को परिभाषित नहीं कर रहे हैं" और मुग़ल बादशाह से तुलना करती हैं। वे कहती हैं, "राम नैतिकता का अभ्यास कर रहे हैं"।
She is UPSC coach @ShubhraRanjan.
— Sunanda Roy 👑 (@SaffronSunanda) July 27, 2024
She is comparing Bhagwan Shri Ram with Mughal Islamic Invader Jalaluddin Akbar.
This is totally unacceptable.
She should apologize and stop making such comparisons in her lectures. pic.twitter.com/1ttPxQK4JZ
रंजन तुलनाओं का उपयोग करके यह स्पष्ट करती हैं कि भारत में विभिन्न समय अवधियों में राजशाही की संस्था अपने महत्व में कैसे विकसित हुई है। वह कहती हैं कि भारत में राजशाही 'निरंकुश' नहीं थी। वायरल 6 मिनट के वीडियो में रंजन कहती हैं, "राजा भी धर्म के अधीन था। राजा धर्म का रक्षक था।"