VHP प्रवक्ता ने कुतुब मीनार को बताया विष्णु मंदिर का गरुड़ स्तंभ, कहा सभी 27 मंदिरों का पुनर्निर्माण कर हिंदुओं को सौपा जाए वरना जाएंगे कोर्ट
By आजाद खान | Published: April 10, 2022 08:50 AM2022-04-10T08:50:40+5:302022-04-10T08:56:20+5:30
मामले में बोलते हुए विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा है, "कुतुब मीनार को 27 मंदिरों को ध्वस्त करने के बाद प्राप्त सामग्री से बनाया गया था।"
नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने शनिवार को कुतुब मीनार (Qutub Minar) परिसर का दौरा कर वहां मौजूद मंदिरों का पुनर्निर्माण करने की बात कही है। विहिप ने यह भी कहा कि वहां पर हिंदू अनुष्ठानों को फिर से शुरू करने की इजाजत भी देनी चाहिए। इस दौरे में विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल सहित कई और लोग और नेताओं ने भी कुतुब मीनार का दौरा किया था। कुछ दिनों से कुतुब मीनार को लेकर नया विवाद छिड़ा है जो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस कड़ी में विहिप के बयान ने कुतुब मीनार को लेकर सियासत को और बढ़ा दिया है।
क्या कहा विहिप ने
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने शनिवार को मांग की कि सरकार कुतुब मीनार परिसर में प्राचीन मंदिरों का को फिर से शुरू करने की अनुमति दे। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल सहित संगठन के अन्य नेताओं द्वारा स्मारक परिसर का दौरा किए जाने के बाद उक्त मांग उठाई गई है। कुतुब मीनार परिसर के दौरे के बारे में पूछे जाने पर बंसल ने बताया, ''हमने स्मारक के प्रमुख हिस्सों का दौरा किया और हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों की स्थिति को देखना दिल दहला देने वाला था। कुतुब मीनार को 27 मंदिरों को ध्वस्त करने के बाद प्राप्त सामग्री से बनाया गया था।'' उन्होंने कहा, ''हम मांग करते हैं कि उन सभी 27 मंदिरों का पुनर्निर्माण किया जाए, जिन्हें पूर्व में गिराया गया था और हिंदुओं को वहां पूजा करने की अनुमति दी जाए।''
आपको बता दें कि एबीपी की एक खबर के अनुसार, विहिप के विनोद बंसल ने यह भी दावा किया है कि कुतुब मीनार किसी विदेशी ने नहीं बनाया है बल्कि ये विष्णु मंदिर का गरुड़ स्तंभ है, जिसे विष्णु स्तंभ भी कहा जाता था।
कुतुब मीनार नहीं सौंपा गया तो विहिप जाएगी कोर्ट-विनोद बंसल
मामले में बोलते हुए विहिप के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि सरकार और संबंधित एजेंसियां को चाहिए की कुतुब मीनार को हिंदुओं को सौंप दे ताकि वे यह पूजा-पाठ कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार उनकी बात नहीं सुनेगी तो वे इसके लिए कोर्ट भी जाएंगे।