SC द्वारा नूपुर शर्मा की याचिका अस्वीकार करने और तल्ख टिप्पणी करने पर VHP ने नाराजगी जाहिर की, कहा- जब एम एफ हुसैन ने अश्लील कार्टून बनाए तो...

By भाषा | Published: July 2, 2022 07:23 AM2022-07-02T07:23:20+5:302022-07-02T07:27:23+5:30

विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, ‘‘उनके (नुपुर शर्मा) के खिलाफ देश भर में कई प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। उन्हें इन सभी मामलों के सिलसिले में यात्रा करनी होगी, जो अनावश्यक है। उनकी सुरक्षा को भी खतरा है।’’

VHP expressed disappointment over the non-acceptance of Nupur Sharma application Supreme Court | SC द्वारा नूपुर शर्मा की याचिका अस्वीकार करने और तल्ख टिप्पणी करने पर VHP ने नाराजगी जाहिर की, कहा- जब एम एफ हुसैन ने अश्लील कार्टून बनाए तो...

SC द्वारा नूपुर शर्मा की याचिका अस्वीकार करने और तल्ख टिप्पणी करने पर VHP ने नाराजगी जाहिर की, कहा- जब एम एफ हुसैन ने अश्लील कार्टून बनाए तो...

Highlights विहिप ने कहा कि नूपुर शर्मा के खिलाफ अदालत की आलोचनात्मक टिप्पणियां उसके आदेश का हिस्सा नहीं हैंविहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा अदालत को प्राथमिकियों को जोड़ने की अनुमति देनी चाहिए थी क्योंकि शर्मा को जान का खतरा है

नयी दिल्लीः विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने नूपुर शर्मा की अर्जी उच्चतम न्यायालय द्वारा स्वीकार नहीं किए जाने को लेकर निराशा जताई। नूपुर शर्मा ने  उच्चतम न्यायालय में अपनी विवादित टिप्पणी को लेकर विभिन्न राज्यों में दर्ज प्राथमिकियों को एकसाथ जोड़ने संबंधी याचिका दायर की थी।

 विहिप ने कहा कि निलंबित भाजपा प्रवक्ता के खिलाफ अदालत की आलोचनात्मक टिप्पणियां उसके आदेश का हिस्सा नहीं हैं। विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि शीर्ष अदालत को प्राथमिकियों को जोड़ने की अनुमति देनी चाहिए थी क्योंकि शर्मा को जान का खतरा है।

इससे पहले दिन में, उच्चतम न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निलंबित नेता नुपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद के बारे में टिप्पणी को लेकर उन्हें शुक्रवार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि उनकी ‘‘अनियंत्रित जुबान’’ ने पूरे देश को आग में झोंक दिया। शीर्ष न्यायालय ने यह भी कहा कि ‘‘देश में जो कुछ हो रहा है उसके लिए शर्मा अकेले जिम्मेदार हैं।’’

न्यायालय ने शर्मा की टिप्पणी को लेकर विभिन्न राज्यों में दर्ज प्राथमिकियों को एकसाथ जोड़ने संबंधी उनकी अर्जी स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने (शर्मा ने) पैगंबर मोहम्मद के बारे में टिप्पणी या तो सस्ता प्रचार पाने के लिए या किसी राजनीतिक एजेंडे के तहत या किसी घृणित गतिविधि के तहत की।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने कहा, ‘‘उनका (शर्मा का) अपनी जुबान पर काबू नहीं है और उन्होंने टेलीविजन चैनल पर गैर-जिम्मेदाराना बयान दिए हैं तथा पूरे देश को आग में झोंक दिया है। लेकिन फिर भी वह 10 साल से वकील होने का दावा करती हैं। उन्हें अपनी टिप्पणियों के लिए तुरंत पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए थी।’’

आलोक कुमार ने कहा, ‘‘उनके (नुपुर शर्मा) के खिलाफ देश भर में कई प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। उन्हें इन सभी मामलों के सिलसिले में यात्रा करनी होगी, जो अनावश्यक है। उनकी सुरक्षा को भी खतरा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब एम एफ हुसैन ने अश्लील कार्टून बनाए, तो उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों को जोड़ दिया गया। उन्हें (नुपुर) भी ऐसी राहत मिलनी चाहिए थी। मैं निराश हूं कि उन्हें यह नहीं मिली।’’

अदालत की यह टिप्पणी उदयपुर में एक दर्जी की दो लोगों द्वारा नृशंस हत्या किए जाने की पृष्ठभूमि में आई है। दोनों व्यक्तियों ने वीडियो में दावा किया था कि वे इस्लाम के अपमान का बदला ले रहे हैं। कुमार ने कहा, ‘‘नुपुर शर्मा ने कानून के तहत अपराध किया है या नहीं, यह शीर्ष अदालत के समक्ष मुद्दा नहीं था। यह एक मजिस्ट्रेट (अदालत) द्वारा गवाहों के बयान दर्ज करने और मामले में शामिल पक्षों की दलीलें सुनने के बाद तय किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत की टिप्पणियां ‘‘अनौपचारिक’’ थीं और उन्हें उसका फैसला नहीं माना जा सकता। 

Web Title: VHP expressed disappointment over the non-acceptance of Nupur Sharma application Supreme Court

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