वरुण गांधी ने मोदी सरकार के बड़े प्रोजेक्ट नमामि गंगे पर उठाए सवाल, पूछा- 11 हजार करोड़ खर्च के बावजूद प्रदूषण क्यों?
By मनाली रस्तोगी | Published: July 26, 2022 10:24 AM2022-07-26T10:24:42+5:302022-07-26T10:35:03+5:30
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने मंगलवार को प्रदूषित गंगा नदी को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने ट्वीट करते हुए गंगा नदी को करोड़ों देशवासियों के अस्तित्व का आधार बताया और कहा कि करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी नदी प्रदूषित क्यों है?
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में पीलीभीत से भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने सोमवार को गंगा नदी को लेकर सवाल किए। उन्होंने ट्वीट करते हुए एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें नदी किनारे कई सारी मछलियां मृत नजर आ रही हैं। इसके अलावा वीडियो में प्लास्टिक भी नजर आ रही है। उन्होंने गंगा नदी को करोड़ों देशवासियों के अस्तित्व का आधार भी बताया।
गंगा हमारे लिए सिर्फ नदी नहीं, 'मां' है। करोड़ों देशवासियों के जीवन, धर्म और अस्तित्व का आधार है मां गंगा।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) July 26, 2022
इसलिए नमामि गंगे पर 20,000 करोड़ का बजट बना। 11,000 करोड़ खर्च के बावजूद प्रदूषण क्यों?
गंगा तो जीवनदायिनी है, फिर गंदे पानी के कारण मछलियों की मौत क्यों? जवाबदेही किसकी? pic.twitter.com/fcSsO7VP0N
वरुण गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, "गंगा हमारे लिए सिर्फ नदी नहीं, 'मां' है। करोड़ों देशवासियों के जीवन, धर्म और अस्तित्व का आधार है मां गंगा। इसलिए नमामि गंगे पर 20,000 करोड़ का बजट बना। 11,000 करोड़ खर्च के बावजूद प्रदूषण क्यों? गंगा तो जीवनदायिनी है, फिर गंदे पानी के कारण मछलियों की मौत क्यों? जवाबदेही किसकी?"
जब घरेलू फ्लाइट्स की कीमतें लगभग दोगुनी हो चुकी हैं तब तकनीकी खराबी की वजह से देशभर में लगातार विमानों की आपातकाल लैंडिंग के समाचार मिल रहे हैं।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) July 22, 2022
गत 2 महीनों में ही 17 उड़ानें प्रभावित हुई जो बेहद चिंताजनक है।
DGCA को सख्ती दिखानी होगी…क्या हम किसी बड़ी घटना के इंतजार में हैं?
बता दें कि इससे पहले वरुण गांधी ने घरेलू फ्लाइट्स में तकनीकी खराबी को लेकर सवाल किया था। उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए लिखा था, "जब घरेलू फ्लाइट्स की कीमतें लगभग दोगुनी हो चुकी हैं तब तकनीकी खराबी की वजह से देशभर में लगातार विमानों की आपातकाल लैंडिंग के समाचार मिल रहे हैं। गत 2 महीनों में ही 17 उड़ानें प्रभावित हुई जो बेहद चिंताजनक है।"