पुष्कर सिंह धामी रविवार को लेंगे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ, अब तक के सबसे युवा सीएम
By सतीश कुमार सिंह | Published: July 3, 2021 06:17 PM2021-07-03T18:17:58+5:302021-07-04T07:13:01+5:30
Uttarakhand New CM: उधमसिंह नगर जिले के खटीमा से दो बार के भाजपा विधायक पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे।
Uttarakhand New CM: पुष्कर सिंह धामी रविवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उधमसिंह नगर जिले के खटीमा से दो बार के भाजपा विधायक को सीएम चुना गया।
नए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मेरी पार्टी ने मुझे हमेशा अपनी मां की तरह अपने पंखों के नीचे रखा है। मैं खुद को काफी भाग्यशाली मानता हूं कि पार्टी ने मुझे यह मौका दिया। मैं राज्य के दूरदराज के इलाकों में भी लोगों की सेवा करने का संकल्प लेता हूं। हम बाद में कैबिनेट में बदलाव पर चर्चा करेंगे।
वह रविवार को पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। उधमसिंह नगर जिले के खटीमा से दो बार के भाजपा विधायक 45 वर्षीय पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री होंगे। धामी प्रदेश के 11 वें मुख्यमंत्री के रूप में रविवार को शपथ ग्रहण करेंगे।
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नरेंद्र सिंह तोमर देहरादून में कहा कि विधायक दल की बैठक के दौरान पुष्कर धामी को उत्तराखंड भाजपा विधायक दल का नेता नियुक्त करने का निर्णय लिया गया। हम पार्टी के फैसले पर चर्चा करने के लिए राज्यपाल के पास गए। शपथ ग्रहण समारोह कल होगा।
My party has always kept me under its wings, just like my mother. I consider myself fortunate enough that the party gave me this opportunity. I pledge to serve people even in remote areas of the state. We'll discuss the change in Cabinet later: Pushkar Singh Dhami#Uttarakhandpic.twitter.com/1FIN8wEgkx
— ANI (@ANI) July 3, 2021
विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद धामी पार्टी नेताओं के साथ राजभवन गए जहां उन्होंने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। राजभवन सूत्रों ने बताया कि धामी नए मुख्यमंत्री के रूप में रविवार की शाम शपथ लेंगे।
विधायक दल की बैठक में उनका नाम सर्वसम्मति से तय हुआ
भारतीय जनता पार्टी के राज्य मुख्यालय में बतौर पर्यवेक्षक केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पार्टी मामलों के प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम और निवर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की मौजूदगी में हुई पार्टी विधायक दल की बैठक में उनका नाम सर्वसम्मति से तय हुआ।
विधायक दल की बैठक के बाद तोमर ने बताया कि धामी के नाम का प्रस्ताव निवर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह और प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक ने रखा जिसका अनुमोदन पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित कई विधायकों ने किया। उन्होंने बताया कि बैठक में धामी के अलावा किसी और के नाम का प्रस्ताव नहीं रखा गया जिसके बाद उन्हें विधायक दल का नेता चुन लिया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के करीबी
छात्र राजनीति से जुड़े रहे 45 वर्षीय धामी महाराष्ट्र के राज्यपाल और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के करीबी हैं और माना जाता है कि कोश्यिारी उन्हें उंगली पकड़कर राजनीति में लाए थे। धामी के नाम का ऐलान होते ही उनके समर्थकों ने जमकर उनके नाम के नारे लगाए और उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया।
समर्थकों के जयकारों के बीच धामी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अपने पूरे केंद्रीय नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हैं कि उन्होंने इस जिम्मेदारी के लिए उन पर भरोसा किया। उन्होंने कहा कि वह पिथौरागढ़ के सीमांत क्षेत्र कनालीछीना में एक पूर्व सैनिक के घर में पैदा हुए लेकिन खटीमा उनकी कर्मभूमि है।
वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से वह न केवल हर चुनौती को पार करेंगे बल्कि अपने पूर्ववर्तियों द्वारा किए गए कार्यों को आगे बढाएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता जनता की सेवा है जिसके लिए वह पूरे मन से काम करेंगे।
समर्थकों के जयकारों के बीच धामी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अपने पूरे केंद्रीय नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हैं कि उन्होंने इस जिम्मेदारी के लिए उन पर भरोसा किया। उन्होंने कहा कि वह पिथौरागढ़ के सीमांत क्षेत्र कनालीछीना में एक पूर्व सैनिक के घर में पैदा हुए लेकिन खटीमा उनकी कर्मभूमि है।
पौडी से लोकसभा सदस्य रावत ने इसी साल 10 मार्च को मुख्यमंत्री पद संभाला था
वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से वह न केवल हर चुनौती को पार करेंगे बल्कि अपने पूर्ववर्तियों द्वारा किए गए कार्यों को आगे बढाएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता जनता की सेवा है जिसके लिए वह पूरे मन से काम करेंगे।
इससे पहले, प्रदेश में उपजे संवैधानिक संकट के बीच तीन दिनों तक चले राजनीतिक उहापोह के बाद शुक्रवार देर रात तीरथ सिंह ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलकर मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया। तीन दिवसीय दिल्ली प्रवास के दौरान पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा सहित अन्य केंद्रीय नेताओं से मुलाकात करने के बाद शुक्रवार रात ही देहरादून लौटे रावत ने बताया कि उनके इस्तीफा देने की मुख्य वजह संवैधानिक संकट था जिसमें चुनाव आयोग के लिए मतदान कराना मुश्किल था।
पौडी से लोकसभा सदस्य रावत ने इसी साल 10 मार्च को मुख्यमंत्री पद संभाला था और संवैधानिक बाध्यता के तहत उन्हें छह माह के भीतर यानि 10 सितंबर से पहले विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना था। लेकिन तीरथ सिंह के विधायक बनने में यह संवैधानिक संकट आड़े आ गया कि जब प्रदेश के विधानसभा चुनावों में एक साल से कम का समय बचा हो तो सामान्यत: उपचुनाव नहीं कराए जाते। इसके अलावा, कोविड महामारी के कारण भी फिलहाल चुनाव की परिस्थितियां नहीं बन पायीं और तीरथ सिंह को पद छोड़ना पड़ा।